'ब्रिटिश परिवारों को मिले गलत शव, किसी ताबूत में तो...', एअर इंडिया विमान हादसे में पीड़ितों के वकील का बड़ा दावा

लंदन स्थित लॉ फर्म के वकीलों का कहना है कि गलत अवशेष मिलने से परिवार बेहद परेशान हैं. एक परिवार को यह एहसास हुआ कि उन्हें शव के गलत अवशेष मिले हैं, जिसके बाद उस डेडबॉडी को दफनाने वाला भी कोई नहीं बचा था.

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अहमदाबाद में क्रैश हुआ था एअर इंडिया का विमान (File Photo: PTI) अहमदाबाद में क्रैश हुआ था एअर इंडिया का विमान (File Photo: PTI)

नलिनी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे के पीड़ित परिवारों ने एक बेहद चौंकाने वाला दावा किया है. हादसे में मारे गए लोगों के परिवार के वकील दावा है कि पीड़ित परिवारों को गलत शव मिले हैं. लंदन में रह रहे पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का कहना है कि मृतकों के अवशेषों की गलत पहचान कर उन्हें ब्रिटेन भेज दिया गया है. 

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लंदन में फिर से हुई शवों की जांच

वकीलों के मुताबिक इसका खुलासा तब हुआ जब लंदन में कोरोनर यानी हादसे में मारे गए लोगों की जांच करने वाले अधिकारी ने मृतकों के अवशेषों का डीएनए मैच करके पहचान को वैरिफाई करने की कोशिश की. वकीलों का कहना है कि एक परिवार को मृतक के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा, क्योंकि कोरोनर ने उन्हें बताया कि ताबूत में उनके परिवार के सदस्य का नहीं बल्कि किसी अनजान व्यक्ति का शव है.

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एक अन्य पीड़ित परिवार को अपने परिवार के मृतकों के अवशेष एक अन्य यात्री के अवशेषों के साथ मिक्स होकर मिले हैं. दोनों के अवशेष एक ही ताबूत में रखे हुए थे. परिवार को अपने मृतक का अंतिम संस्कार करने से पहले दोनों यात्रियों के अवशेषों को अलग करना पड़ा. 

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अनजान शवों का अंतिम संस्कार भी नहीं

वकीलों का कहना है कि गलत अवशेष मिलने से परिवार बेहद परेशान हैं. एक परिवार को यह एहसास हुआ कि उन्हें शव के गलत अवशेष मिले हैं, जिसके बाद उस शव को दफनाने वाला कोई भी नहीं बचा था. वकीलों ने कहा कि हम इस बात की घटनाओं की सीरीज स्थापित करने पर काम कर रहे हैं कि अहमदाबाद हादसे के बाद यात्रियों के शव कैसे बरामद किए गए और उनकी पहचान कैसे हुई.

वकीलों ने पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले की जांच की मांग की गई है. परिवारों का प्रतिनिधित्व लंदन स्थित लॉ फर्म कीस्टोन लॉ की तरफ से किया जा रहा है. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि हादसे के बाद मृतकों के डीएनए मैचिंग की प्रक्रिया को सही तरीके से नहीं किया गया, इसी वजह से गलत शव ब्रिटेन पहुंचे हैं.

डीएनए मैचिंग से हुई शवों की पहचान

अहमदाबाद में 12 जून को हुए दर्दनाक विमान हादसे के तुरंत बाद बहुत ही कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया था, जिसकी अगुवाई अहमदाबाद पुलिस, फायर डिपार्टमेंट और SDRF ने की थी. रेस्क्यू के लिए स्निफर डॉग और एडवांस डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था. स्थानीय लोगों ने भी इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया, ताकि जल्द से जल्द पीड़ितों को मदद पहुंचाई जा सके. 

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अहमदाबाद से लंदन की उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के चंद मिनटों बाद जमीन पर आ गिरा. विमान में सवार 242 यात्रियों में सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बचा है. इस हादसे में कुल 260 लोगों की जान चली गई. विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली नागरिक और एक कनाडाई नागरिक सवार था.

जमीन पर गिरने से पहले विमान एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकराया था, जिसकी वजह से बिल्डिंग में मौजूद और आसपास के इलाके में भी कुछ लोग हताहत हुए थे. जमीन पर गिरते ही विमान आग का गोला बन गया और ज्यादातर शव बुरी तरह जल चुके थे, जिसकी वजह से उनकी पहचान करने के लिए पीड़ित परिवारों के डीएनए सैंपल लिए गए थे.

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