PAK की 'प्रिया' के लिए नौसेना हेडक्वार्टर में कर रहा था जासूसी, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भेजी थी जानकारी

मामले की जांच के दौरान शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि विशाल यादव ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया.

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पाकिस्तान की जासूसी करने वाला विशाल यादव पाकिस्तान की जासूसी करने वाला विशाल यादव

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित नौसेना भवन से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की खुफिया विंग ने विशाल यादव को गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है. राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस ने यह बड़ी कार्रवाई करते हुए हरियाणा के पुनसिका निवासी विशाल यादव को बुधवार 25 जून को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत दबोचा है.

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महानिरीक्षक पुलिस सीआईडी सुरक्षा विष्णुकांत गुप्ता ने बताया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा की जाने वाली जासूसी गतिविधियों पर सीआईडी इंटेलिजेंस राजस्थान लगातार निगरानी रख रही थी. इसी दौरान यह जानकारी सामने आई कि नौसेना भवन दिल्ली में डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड में कार्यरत विशाल यादव सोशल मीडिया के जरिए एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला हैंडलर के लगातार संपर्क में था. यह महिला जिसका छद्म नाम प्रिया शर्मा बताया जा रहा है, विशाल को पैसों का लालच देकर नौसेना भवन से सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं निकालने के लिए उकसा रही थी. 

पैसे की लालच में देश से गद्दारी

मामले की जांच के दौरान शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि विशाल यादव ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया. वह महिला पाक हैंडलर को संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध करवाकर अपने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट में यूएसडीटी और सीधे अपने बैंक अकाउंट्स में धनराशि प्राप्त कर रहा था.

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यह भी पढ़ें: 'पाकिस्तान के लिए जासूसी करती हो? जेल होगी'... ATS अधिकारी बनकर बुजुर्ग महिला से ठगे 22 लाख

ऑपरेशन सिंदूर से भी जुड़े तार

संदिग्ध के मोबाइल फोन का फॉरेंसिक जांच में जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, वे और भी गंभीर हैं. उसके मोबाइल से मिली चैट और दस्तावेजों के अवलोकन से पता चला है कि विशाल यादव ने 'ऑपरेशन सिंदूर' अभियान के दौरान भी नौसेना और अन्य रक्षा संबंधी गोपनीय सूचनाएं महिला पाक हैंडलर को उपलब्ध कराई थीं. यह दर्शाता है कि वह लंबे वक्त से इस जासूसी रैकेट का हिस्सा था.

कई खुफिया एजेंसियों द्वारा जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र पर विशाल से संयुक्त रूप से पूछताछ की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियां अब यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि इस रैकेट में और कौन-कौन से लोग शामिल हैं और कितनी संवेदनशील जानकारी लीक हुई है. यह गिरफ्तारी एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि दुश्मन एजेंसियां देश के अंदर अपनी पैठ बनाने के लिए तमाम तरह के हथकंडों का इस्तेमाल कर रही हैं और सोशल मीडिया इसमें माध्यम बनकर उभरा है. सुरक्षा एजेंसियों ने आम जनता से भी अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि के को लेकर सचेत रहें और तुरंत इसकी जानकारी दें.

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