'सीधी बात' में बोले राकेश टिकैत, दिल्ली पुलिस को बंधक बनाकर सरकार ने रची हिंसा की साजिश

‘सीधी बात’ कार्यक्रम में राकेश टिकैत ने कहा कि वह पहली बार वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे. दूसरी बार आरएलडी से चुनाव लड़े थे. लेकिन दोनों बार उनकी जमानत जब्त हो गई. टिकैत ने 'सीधी बात' में कहा कि विचार की क्रांति को बंदूक से नहीं दबा सकते.

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'सीधी बात' प्रोग्राम में राकेश टिकैत 'सीधी बात' प्रोग्राम में राकेश टिकैत

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 06 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST
  • ‘सीधी बात’ कार्यक्रम में इस बार राकेश टिकैत मेहमान
  • कहा- आगे चुनाव लड़ने का इरादा नहीं
  • टिकैत बोले- दो बार जब्त हो चुकी है जमानत

आजतक के बहुचर्चित कार्यक्रम ‘सीधी बात’ की शुरुआत हो चुकी है. 'सीधी बात' कार्यक्रम के इस बार किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मेहमान हैं. शो के होस्ट वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार प्रभु चावला ने किसान नेता से विभिन्न मुद्दों पर बात की. इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि मैं नेतागीरी नहीं करता, मैं किसान हूं. किसानों को नेतागिरी से नहीं एमएसपी पर कानूनी गारंटी से मतलब है बस. टिकैत ने 'सीधी बात' में कहा कि विचार की क्रांति को बंदूक से नहीं दबा सकते. 

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बता दें कि किसान आंदोलन के बीच राकेश टिकैत किसानों का सबसे बड़ा चेहरा बन चुके हैं. उन्होंने 'सीधी बात' कार्यक्रम में 26 जनवरी की हिंसा के सवाल पर कहा कि दिल्ली पुलिस को बंधक बनाकर सरकार ने साजिश रची. इसको लेकर किताब जारी होगी तब पता चलेगा. ये सब साजिश है किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए. एक रास्ते पर बैरीकेडिंग की गई और एक से जाने दिया गया. आखिर ये क्या था. लाल किले पर शख्स को चढ़ाने वाले कौन थे. 

उन्होंने कहा हम 4 लाख ट्रैक्टर लेकर दिल्ली आए थे. लेकिन 5 बजे तक पूरी दिल्ली को खाली कर दिया था. शांति से वापस लौट गए. राकेश टिकैत ने कहा कि हमें पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम से जोड़ा जाए. गन्ना किसानों का भुगतान डिजिटली हो. गन्ने के एमएसपी पर उन्होंने कहा कि सरकार झूठ आँकड़े दे रही है.  

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आरएलडी के सिंबल पर चुनाव लड़ने और उसकी विचारधारा को मानने के सवाल पर किसान नेता ने कहा कि सबकी अपनी-अपनी निजी विचारधारा होती है. हर आदमी पॉलिटिकल होता है. जो पॉलिटकल नहीं उससे खतरनाक कोई आदमी नहीं है.

टिकैत ने कहा कि देश में घाटे की खेती रुकनी चाहिए. साथ ही एमएसपी की गारंटी मिलनी चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि वे किसान हैं या नेता तो टिकैत ने कहा, 'आगे चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. बस ट्रैक्टर चलाने का शौक है, बुवाई के दिनों में पूरे-पूरे दिन ट्रैक्टर चलाता हूं.' उन्होंने आगे कहा कि पहली बार  निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. दूसरी बार आरएलडी से चुनाव लड़ा. लेकिन दोनों बार  जमानत जब्त हो गई. 

क्या यूपी में चुनाव लड़ेंगे? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि नहीं हमें चुनाव नहीं लड़ना है. चुनाव लड़ना सबसे बड़ी बीमारी है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हमें वोट देने का हक है तो चुनाव लड़ने का भी हक है. 

पीएम मोदी के एक कॉल की दूरी पर वाले बयान पर राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री एक कॉल पर बात करने को कहते हैं, हमें तो उनका नंबर पता नहीं है. वो हमें अपना नंबर दे दें. हमारा नंबर तो सरकार के पास है.

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'सीधी बात' में किसान नेता ने कहा कि MSP के लिए महेंद्र टिकैत का 'टिकैत फ़ॉर्मूला' लागू किया जाए. टिकैत फ़ॉर्मूला के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस गति में सोने की कीमत बढ़े, उसी दर से गेहूं के दाम भी बढ़ें. राकेश टिकैत ने 'सीधी बात' में शो के होस्ट 'प्रभु चावला' से बातचीत में कहा कि '3 क्विंटल गेहूं की कीमत 10 ग्राम सोने के बराबर कर दी जाए.' 

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