स्वदेशी को बढ़ावा, रक्षा मंत्रालय तैयार कर रहा दूसरी निगेटिव डिफेंस इंपोर्ट लिस्ट

रक्षा मंत्रालय द्वारा हथियारों के आयात की पहली निगेटिव लिस्ट 9 अगस्त को जारी की गई थी जिसमें बड़ी संख्या में तोपें, पनडुब्बी और हल्के वजन वाले लड़ाकू विमान शामिल थे. अब एक और लिस्ट तैयार की जा रही है जिसके साल के अंत तक जारी होने की संभावना है.

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सरकार देश में ही हथियार बनाने पर जोर दे रही (फाइल-पीटीआई) सरकार देश में ही हथियार बनाने पर जोर दे रही (फाइल-पीटीआई)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली ,
  • 26 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 10:06 PM IST
  • हथियारों के आयात की पहली निगेटिव लिस्ट 9 अगस्त को जारी हुई थी
  • डिफेंस क्षेत्र में स्वदेशी हथियार को बढ़ावा दे रही है मोदी सरकार
  • साल के अंत तक जारी की जा सकती है एक और निगेटिव लिस्ट

स्थानीय रक्षा उद्योग को मजबूत करने के उद्देश्य से, रक्षा मंत्रालय हथियारों और गोला-बारूद की ऐसी दूसरी सूची जारी करेगा, जिसका आयात इस साल के अंत तक बंद कर दिया जाएगा.

सरकारी सूत्रों ने आजतक और इंडिया टुडे को बताया, 'एक व्यापक सूची तैयार जारी की जाएगी और इसे इस साल के अंत तक जारी कर दिया जाएगा.' सूत्रों ने कहा कि इस सूची में बड़ी संख्या में चीजें शामिल होंगी. ऐसे हथियार और छोटे आइट्मस की तैयारी के लिए तीनों सेवाओं से सलाह भी ली जा रही है, जिन्हें देश में ही उत्पादित और इस्तेमाल किया जा सके.

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रक्षा मंत्रालय द्वारा हथियारों के आयात की पहली निगेटिव लिस्ट 9 अगस्त को जारी की गई थी जिसमें बड़ी संख्या में तोपें, पनडुब्बी और हल्के वजन वाले लड़ाकू विमान शामिल थे.

सूत्रों ने कहा कि देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी रक्षा उत्पादन बढ़े और एक मजबूत सैन्य उद्योग बनाया जा सके, साथ ही विदेशी विक्रेताओं की ओर से ऑर्डर आने पर बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा की जा सकें, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है.

4 लाख करोड़ के अनुबंध के आसार
सूत्रों ने कहा कि कई स्वदेशी रक्षा उत्पादकों ने देश में रक्षा उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के उपाय करने के लिए सर्वोच्च स्तर पर सरकार से पूछा है.

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संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री को हथियारों के निगेटिव इंपोर्ट लिस्ट के बारे में जानकारी देने के बाद रक्षा मंत्रालय ने रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए दिए गए समय से परे 101 वस्तुओं पर आयात एम्बार्गो पेश किया है.

माना जा रहा है कि इस कदम के बाद अगले छह से सात साल के भीतर घरेलू रक्षा उद्योग पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के अनुबंध किए जाएंगे.


 

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