'शस्त्र पूजा स्पष्ट संकेत है... जरूरत पड़ी तो हथियारों का पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जाएगा', विजयादशमी पर बोले राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत ने कभी भी किसी देश पर नफरत या अवमानना ​​की वजह से हमला नहीं किया है. हम तभी लड़ते हैं जब कोई हमारी अखंडता और संप्रभुता का अपमान करता है या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, जब धर्म, सत्य और मानवीय मूल्यों के खिलाफ युद्ध छेड़ा जाता है. यही हमें विरासत में मिला है. हम इस विरासत को संरक्षित करना जारी रखेंगे."

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राजनाथ सिंह ने किया शस्त्र पूजन राजनाथ सिंह ने किया शस्त्र पूजन

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने दशहरा के मौके पर 12 अक्टूबर, को पश्चिम बंगाल के सुकना सैन्य स्टेशन पर पारंपरिक शस्त्र पूजा की. इस दौरान उन्होंने शस्त्र पूजा को लेकर कई बातें कही और बोले कि जरूरत पड़ी तो इन हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा. रक्षा मंत्री ने कलश पूजा के साथ अनुष्ठान की शुरुआत की, उसके बाद शस्त्र पूजा और वाहन पूजा की. उन्होंने अत्याधुनिक पैदल सेना, तोपखाने और संचार प्रणालियों, गतिशीलता प्लेटफार्मों और ड्रोन प्रणालियों सहित कई आधुनिक सैन्य उपकरणों की भी पूजा की. 

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इस दौरान अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में सशस्त्र बलों की सतर्कता और अहम भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और सैनिकों में मानवीय मूल्यों के प्रति समान सम्मान है.

'भारत किसी देश से तभी लड़ता है, जब...'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत ने कभी भी किसी देश पर नफरत या अवमानना ​​की वजह से हमला नहीं किया है. हम तभी लड़ते हैं जब कोई हमारी अखंडता और संप्रभुता का अपमान करता है या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, जब धर्म, सत्य और मानवीय मूल्यों के खिलाफ युद्ध छेड़ा जाता है. यही हमें विरासत में मिला है. हम इस विरासत को संरक्षित करना जारी रखेंगे." 

उन्होंने आगे कहा कि अगर हमारे हितों को खतरा है, तो हम बड़ा कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे. शस्त्र पूजा एक साफ संकेत है कि अगर जरूरत पड़ी तो हथियारों/उपकरणों का पूरी ताकत से इस्तेमाल किया जाएगा.

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यह भी पढ़ें: 'भारत इकलौता देश जहां शास्त्रों और शस्त्रों की एक साथ पूजा...', विजयादशमी पर बोले राजनाथ सिंह, देखें

राजनाथ सिंह ने कहा, "शक्ति, सफलता और सुरक्षा के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान दशहरा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गहराई की पुष्टि करते हैं, जो देश की सुरक्षा में हथियार प्रणालियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं. वे राष्ट्र की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों की तैयारी, संकल्प और अटूट समर्पण का प्रतीक हैं. समारोह ने भारतीय सेना की परंपरा और आधुनिकीकरण के मिश्रण को उजागर किया, जिसमें भारत की संप्रभुता को बनाए रखने और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों और प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया."

इस प्रोग्राम में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, मनोनीत रक्षा सचिव आर.के. सिंह, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राम चन्द्र तिवारी, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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