कोरोना: कैसी है अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था, जानें क्या है पुणे, लखनऊ, अहमदाबाद की ज़मीनी हक़ीकत

कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. देश में अचानक कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ गई है. इस वजह से अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं. आजतक ने पुणे, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे शहरों में ज़मीनी हक़ीकत जानने की कोशिश की.

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लखनऊ केजीएमयू का हाल लखनऊ केजीएमयू का हाल

गोपी घांघर / पंकज खेळकर / अभिषेक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST
  • गुजरात में वेंटिलेटर और आईसीयू ख़ाली नहीं
  • बेड की कमी का अन्य बीमारियों के मरीजों पर असर
  • पुणे में 120 बेड पर चल रहा 155 का इलाज

कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. देश में अचानक कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ गई है. इस वजह से अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं. आजतक ने पुणे, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे शहरों में ज़मीनी हक़ीकत जानने की कोशिश की.

पुणे में 120 बेड पर हो रहा 155 का इलाज
देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना फैलने से रोकने के लिए कड़े नियम भी बनाए हैं लेकिन अस्पतालों में बेड की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है.

पुणे महानगरपालिका के नायडू अस्पताल में डॉक्टर श्री. पाटसुते ने कहा कि शहर में कोरोना का पहला मरीज मिलने के समय से वह सेवा दे रहे हैं. लेकिन पिछले 15 दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ी है. फिलहाल अस्पताल में 120 बेड है और हम 155 मरीजों का उपचार कर रहे हैं. इन 120 बेड्स में 25 आईसीयू और 11 वेंटिलेटर बेड हैं.

शहर में पिछले 15 दिनों से प्रतिदिन 4 हजार के करीब लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, इतना ही नहीं प्रति दिन औसतन 25 से ज़्यादा मरीजों की मौत कोरोना से हो रही है. औंध ज़िला अस्पताल में डिप्टी सर्जन डोईफोडे ने बताया कि हमारे अस्पताल में 85 बेड में से 15 वेंटिलेटर बेड है.

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लखनऊ के केजीएमयू में नहीं मिल रहे बेड
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी लोग कोरोना से बेहाल हैं. यहां के केजीएमयू अस्पताल में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. जब इंडिया टुडे की टीम किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंची तो पाया कि बेड ना मिलने की वजह से कई मरीज सुबह से शाम तक स्ट्रेचर पर पड़े हुए ही बेड मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इसका असर कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर हो रहा है.

सुल्तानपुर के रहने वाले बाबू राम ने बताया कि उनके पिता सड़क हादसे के शिकार हो गए. उन्हें इलाज के लिए केजीएमयू अस्पताल लाया गया लेकिन उन्हें बेड नहीं मिला. जिसकी वजह से वो अपनी बारी का स्ट्रेचर पर लेटे - लेटे ही इंतजार करते रहे.

गुजरात भी महाराष्ट्र की राह पर 
गुजरात में भी कोरोना से हालात खराब हैं. यहां अहमदाबाद और सूरत में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना मरीजों को करना पड़ रहा है. अहमदाबाद के कोविड अस्पताल में 1200 बेड हैं, लेकिन एक भी खाली नहीं है. यहां वेंटिलेटर और आईसीयू ख़ाली नहीं है. पिछले 24 घंटे में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में 7 मौत और सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में 7 मौत हुई हैं. 

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