बीजेपी नेता ने श्रीराम से की पीएम मोदी की तुलना, राष्ट्रपति मुर्मू को बताया 'शबरी'

BJP सांसद सी पी जोशी ने मंगलवार को हिंदू महाकाव्य रामायण की घटनाओं का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तुलना 'शबरी' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना 'भगवान राम' से की. बता दें कि शबरी रामायण की एक पात्र हैं जो भगवान राम की परम भक्त थीं.

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राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी की रामायण के पात्रों से तुलना राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी की रामायण के पात्रों से तुलना

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST

भाजपा के सांसद सी पी जोशी ने मंगलवार को हिंदू महाकाव्य रामायण की घटनाओं का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तुलना 'शबरी' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना 'भगवान राम' से की. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए, चित्तौड़गढ़ से लोकसभा सांसद सी पी जोशी ने कहा कि 'शबरी' 'त्रेता युग' में भगवान राम का स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही थीं.

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बता दें कि शबरी रामायण की एक पात्र हैं जो भगवान राम की परम भक्त थीं. जोशी ने कहा, 'इस संयुक्त सत्र के दौरान जब माननीय राष्ट्रपति संसद में प्रवेश कर रही थीं, तो ऐसा लगा जैसे भगवान राम माता शबरी का सम्मान करने के लिए संसद के दरवाजे पर उनका स्वागत कर रहे हैं.'

'जय श्री राम' के नारों से गूंज उठा सदन

जब जोशी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का संदर्भ दिया तो भाजपा सदस्यों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए. सीपी जोशी ने कांग्रेस पर राम मंदिर के निर्माण में अड़ंगा लगाने और सुप्रीम कोर्ट को भगवान राम को 'काल्पनिक' बताने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अक्सर मंदिर बनाने का आश्वासन देने के लिए भाजपा का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि यह कब पूरा होगा.

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अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर

जोशी ने कहा, 'आज अयोध्या में सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र आकार ले रहा है.' भाजपा सदस्य ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि लोगों ने राजस्थान में पैदल मार्च से दूरी बनाए रखी है.

भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कसा तंज

उन्होंने कहा, कोई किसी का हाथ थाम रहा था, कोई किसी का आलिंगन कर रहा था. मैं कहना चाहता हूं कि जब कुछ रस्में सही समय पर नहीं होती हैं, तो ऐसी चीजें होती हैं. गर्भाधान के लिए एक उपयुक्त समय होता है, मुंडन समारोह, नामकरण समारोह का समय होता है. जब उचित उम्र में विवाह समारोह नहीं होता है तो इस तरह की बातें सामने आती हैं.

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