21 अप्रैल को भी बैसरन घाटी में थे आतंकी? महाराष्ट्र के परिवार का नया दावा, बोले- धर्म भी पूछा था

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से एक दिन पहले जालना के आदर्श राउत से एक संदिग्ध ने बातचीत की थी. आदर्श को उस व्यक्ति की बातों पर शक हुआ. हमले के बाद तस्वीरें देखकर आदर्श ने उस संदिग्ध की पहचान की और एनआईए को जानकारी दी. राउत परिवार इस हमले में बाल-बाल बचा.

Advertisement
आदर्श राउत ने NIA को घटना की जानकारी दी आदर्श राउत ने NIA को घटना की जानकारी दी

गौरव विजय साली

  • जालना ,
  • 29 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST

महाराष्ट्र के जालना का राउत परिवार जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में बाल-बाल बचा है. राउतनगर इलाके के निवासी संजय राउत अपने बेटे आदर्श और पत्नी के साथ कश्मीर घूमने गए थे. 21 अप्रैल को यह परिवार पहलगाम में था.

इस दौरान आदर्श राउत अकेले घोड़े की सवारी करने और घाटियों में घूमने गया. बैसरन घाटी में एक मैगी स्टॉल पर रुकने के दौरान एक अजनबी व्यक्ति ने आदर्श से बातचीत की. उस व्यक्ति ने आदर्श से पूछा कि आप कश्मीरी नहीं दिखते, क्या आप हिंदू हैं. इस सवाल पर आदर्श को थोड़ा संदेह हुआ और उसने जवाब दिया कि मैं यहीं का रहने वाला हूं.

Advertisement

भीड़ कम होने के कारण 21 अप्रैल को नहीं किया था हमला

आदर्श ने बातचीत के बाद उस शख्स को ज्यादा महत्व नहीं दिया और वहां से चला गया. अगले दिन 22 अप्रैल को राउत परिवार श्रीनगर पहुंच गया. उसी दिन पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ.

जब हमले के बाद आतंकवादियों की तस्वीरें सामने आईं, तो आदर्श ने उनमें से एक को पहचान लिया. यह वही व्यक्ति था जिसने उससे बातचीत की थी. जालना लौटने के बाद आदर्श ने एनआईए को ईमेल के जरिए यह जानकारी दी और संदिग्ध के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया.

आदर्श ने एनआईए को ईमेल के जरिए जानकारी दी

आदर्श का कहना है कि आतंकी 21 अप्रैल को ही हमला करना चाहते थे लेकिन उस दिन भीड़ कम थी, इसलिए उन्होंने अगला दिन चुना. इस पूरे मामले पर आदर्श के पिता संजय राउत ने कहा कि जिस स्थान पर हमला हुआ, वहां कोई पुलिस या सुरक्षा बल नहीं था. अगर वहां सुरक्षा होती तो यह हमला टाला जा सकता था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement