हिजाब पहनी छात्रा को कॉलेज ने नेट परीक्षा देने से रोका, आयोग ने यूजीसी को भेजा नोटिस

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा उमाय्या खान ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि हिजाब पहने होने की वजह से उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई. इस पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को नोटिस भेजकर पूछा है कि हिजाब पहनी एक छात्रा को यूजीसी नेट परीक्षा में बैठने की इजाजत क्यों नहीं दी गई.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

aajtak.in

  • नई द‍िल्ली,
  • 27 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:35 AM IST

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को नोटिस भेजकर पूछा है कि हिजाब पहनी एक छात्रा को यूजीसी नेट परीक्षा में बैठने की इजाजत क्यों नहीं दी गई. जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा उमाय्या खान ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया था कि हिजाब पहने होने की वजह से उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने दावा किया था कि जब वह रोहिणी में परीक्षा केंद्र पहुंची तो उनसे हिजाब उतारने के लिए कहा गया. घटना के बाद, आयोग ने यूजीसी के सचिव को नोटिस भेजकर कहा, "यह धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का स्पष्ट मामला है और इसे राष्ट्रीय मुख्यधारा से दूर रखने की एक कोशिश है."

Advertisement

आयोग ने कहा, "इसका कोई कानूनी या संवैधानिक आधार नहीं है. केरल उच्च न्यायालय हिजाब (सर पर स्कार्फ और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनी) मुस्लिम महिलाओं को परीक्षा देने की इजाजत दे चुका है." उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश जारी करके कहा था कि मुस्लिम और सिख महिलाओं के धार्मिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए.

आयोग के एक अधिकारी ने बताया, "दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने यूजीसी के सचिव से पूछा है कि क्यों भेदभाव होने दिया गया और हिजाब पहनी मुस्लिम महिला को नेट परीक्षा देने से रोककर की गई नाइंसाफी को वे कैसे ठीक करेंगे और भविष्य में इस तरह की नाइंसाफी का दोहराव रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं."

इसी तरह की घटना गोवा में भी सामने आई है, जहां 24 साल की  युवती ने आरोप लगाया है कि हिजाब उतारने से मना करने पर नेट की परीक्षा करा रहे अधिकारियों ने उन्हें इम्तिहान देने की इजाजत नहीं दी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement