दिल्ली सरकार से बोला HC- 33 निजी अस्पतालों के 80% आईसीयू बेड को अब भी रिजर्व करना जरूरी है क्या

अदालत ने आज दिल्ली सरकार को कहा कि वो दोबारा विचार करे कि क्या 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड को अभी भी रिजर्व करना जरूरी है. दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि वो जवाब दाखिल करने के लिए कुछ वक्त चाहती है, लिहाजा इस मामले की सुनवाई 10 दिन के लिए टाल दी जाए.

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दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो) दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:00 PM IST
  • 33 निजी अस्पतालों की याचिका पर सुनवाई
  • हाई कोर्ट ने सरकार से विचार करने को कहा
  • निजी अस्पतालों में खाली पड़े हैं आईसीयू बेड

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल सरकार से कहा कि वो विचार करे कि क्या 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड को अभी भी रिजर्व करना जरूरी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने 33 निजी अस्पतालों की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बातें कहीं. 

दरअसल, सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स के तकरीबन 5081 आईसीयू बेड में से 2360 खाली पड़े हैं. यानी प्राइवेट हॉस्पिटल्स के 80 फीसदी आईसीयू कोविड मरीजों के लिए रिजर्व तो कर दिए गए, लेकिन इन सभी आईसीयू बेड का इस्तेमाल प्राइवेट अस्पतालों में नहीं हो पा रहा है. लिहाजा यह खाली पड़े हैं.

कोर्ट के आदेश के बाद इन आईसीयू बेड को आम मरीजों को भी नहीं दिया जा सकता है, इसलिए अदालत ने आज दिल्ली सरकार को कहा कि वो दोबारा विचार करे कि क्या 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड को अभी भी रिजर्व करना जरूरी है.

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दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि वो जवाब दाखिल करने के लिए कुछ वक्त चाहती है, लिहाजा इस मामले की सुनवाई 10 दिन के लिए टाल दी जाए. हालांकि, हेल्थ केयर प्रोवाइडर एसोसिएशन की तरफ से कहा गया कि दिल्ली सरकार इस मामले में लगातार "डिले टैक्टिक" अपनाने के लिए ऐसा कर रही है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अब इस मामले में सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिसंबर तक का वक्त दिया है. 15 दिसंबर को ही दिल्ली हाई कोर्ट दोबारा इस मामले में सुनवाई करेगा.

इससे पहले राजधानी में नवंबर में कोविड के मामले बढ़ने के चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार की अर्जी पर 12 नवंबर को दिल्ली के 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने के आदेश जारी कर दिए थे. उस वक्त दिल्ली में हर रोज तकरीबन 8 से 9 हजार नए मामले सामने आ रहे थे. फिलहाल यह संख्या घटकर तकरीबन 3 से 4 हजार के बीच में हो गई है.

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हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से दिल्ली सरकार के उस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने के आदेश जारी किए गए थे. दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर के बाद हाई कोर्ट ने 12 नवंबर को दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन पर लगी रोक को हटा दिया था. लेकिन आज की सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दोबारा इस पर विचार करने के आदेश दिए हैं, जिससे नॉन कोविड-19 मरीजों को भी प्राइवेट अस्पतालों के आईसीयू बेड मिलने में दिक्कत ना हो.

 

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