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चक दे इंडिया को 12 साल पूरे, लोगों को आज भी याद हैं फिल्म के ये डायलॉग्स

aajtak.in
  • 10 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST
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शाहरुख खान की फिल्म चक दे इंडिया को रिलीज हुए 12 साल हो चुके है. फिल्म में उन्होंने भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच कबीर खान का रोल प्ले किया था. शानदार कहानी, शाहरुख और अन्य स्टारकास्ट की एक्टिंग, बेहतरीन डायरेक्शन की वजह से फिल्म को लोगों ने हाथोंहाथ लिया था. देशभक्ति से लबरेज फिल्म के डायलॉग्स आज भी लोगों को जेहन में हैं. आइये आज आपको याद दिलाते हैं फिल्म के वो दमदार डायलॉग्स.

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''अगर ये 70 मिनट इस टीम का हर प्लेयर अपनी जिंदगी की सबसे बढ़िया हॉकी खेल गया, तो ये 70 मिनट खुदा भी तुमसे वापस नहीं मांग सकता. तो जाओ, जाओ और अपने आप से, इस जिंदगी से, अपने खुदा से, और हर उस इंसान से जिसने तुम पर भरोसा किया, अपने 70 मिनट छीन लो.''

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''पीछे से नहीं, मर्दों की तरह आगे से लड़ो! वो क्या है, हमारी हॉकी में छक्के नहीं होते.''

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''मैंने कहा था ना, टीम बनाने के लिए ताकत नहीं, नीयत चाहिए.''

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''मर के आएंगे लेकिन हार के नहीं.''

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''इस टीम को सिर्फ वो प्लेयर चाहिए, जो पहले इंडिया के लिए खेल रहे हैं, फिर अपनी टीम में अपने साथियों के लिए, और उसके बाद भी अगर थोड़ी बहुत जान बच जाए तो अपने लिए...''

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''वार करना है तो सामने वाले के गोल पर नहीं, सामने वाले  के दिमाग पर करो. गोल खुद-ब-खुद हो जाएगा.''

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''हर टीम में सिर्फ एक ही गुंडा हो सकता है और इस टीम का गुंडा मैं हूं.''

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''तमिल और तेलुगू में फर्क क्या है? वो ही जो एक पंजाबी और एक बिहारी में है.''

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  • 10/10

''अपने ही देश में मेहमान बनकर कोई खुश कैसे हो सकता है.''

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