शेखपुरा: बिहार का बेहद पिछड़ा जिला, खेती पर टिकी है अर्थव्यवस्था

यहां के लोग मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर हैं. क्रशर के साथ छोटे हिल्स के कुछ खनन रोजगार के लिए मुख्य गतिविधियों में से एक है. इस जिले में दो विधानसभा सीटें आती हैं, शेखपुरा और बारबीघा.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:45 AM IST
  • बिहार का शेखपुरा जिला सबसे छोटे जिलों में से एक है
  • महज दो विधानसभा सीटों वाला है ये जिला
  • खेती ही जिले की आय का प्रमुख जरिया है

बिहार के पिछड़े जिलों में शेखपुरा जिला शामिल है. राज्य के सबसे छोटे जिलों में से एक शेखपुरा के लोगों की मुख्य आमदनी का जरिया खेती ही है. शेखपुरा 31 जुलाई 1994 को मुंगेर जिले से अलग होकर अस्तित्व में आया था. यह बिहार के दक्षिणी भाग में स्थित है, जो उत्तर में नालंदा और पटना जिले, दक्षिण में नवादा और जामूई जिले, पूर्व में लखीसराय जिले और पश्चिम में नालंदा और नवादा जिले में स्थित है. 

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सामाजिक तानाबाना
शेखपुरा जिला 689 वर्ग किलोमीटर में फैला जिला है. यहां 2011 की जनसंख्या के अनुसार यहां की आबादी 111407 है. शेखपुरा बिहार के सबसे छोटे जिले में से एक है, जहां सिर्फ छह ब्लॉक हैं. यहां के लोग मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर हैं. क्रशर के साथ छोटे हिल्स के कुछ खनन रोजगार के लिए मुख्य गतिविधियों में से एक है. इस जिले में दो विधानसभा सीटें आती हैं, शेखपुरा और बारबीघा. 


2015 का जनादेश
जिले की शेखपुरा विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी रणधीर कुमार सोनी ने कुल 41755 वोट हासिल कर हम प्रत्याशी नरेश को 13101 वोटों से हराया था. वहीं बारबीघा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुदर्शन कुमार ने 46406 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी.


 

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