दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मतदाताओं के नाम काटने के आरोपों पर अब चुनाव आयोग ने सफाई दी है. वह इस मुद्दे पर लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि बीजेपी ये 'साजिश' रच रही है. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि फाइनल वोटर लिस्ट 6 जनवरी तक जारी की जाएगी, और ये कि ये कि वोटर लिस्ट में बदलाव होता रहता है, जो कि अभी भी चल रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री का आरोप था कि, 15 दिसंबर को बड़े पैमाने पर अभियान शुरू हुआ, जिसमें उनके विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में अब तक 5,000 मतदाताओं के नाम हटाने के लिए एप्लिकेशन दिए गए थे, जबकि जोड़ने के लिए 7500 एप्लिकेशन दाखिल किए गए. उन्होंने दावा किया कि इससे उनके निर्वाचन क्षेत्र के 12 फीसदी वोट बदल सकते हैं.
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अरविंद केजरीवाल का का कहना था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 106,873 है. उन्होंने दावा किया कि मतदाताओं की यह संख्या 20 अगस्त से 20 अक्टूबर के बीच किए गए संशोधन के बाद 29 अक्टूबर को जारी की गई लिस्ट के मुताबिक है.
6 जनवरी को जारी की जाएगी फाइनल लिस्ट
अरविंद केजरीवाल जिस लिस्ट का हवाला दे रहे हैं उसपर अब चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि वो वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट 29 अक्टूबर को जारी किया गया था. इनके अलावा, 29 अक्टूबर से 28 नवंबर तक मिली अर्जियों का निपटारा 24 दिसंबर तक किया गया. इसके आगे, 1 जनवरी तक जो भी अर्जियां आएंगी उसे शामिल किया जाएगा और फिर फाइनल लिस्ट 6 जनवरी को जारी की जाएगी.
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अरविंद केजरीवाल के आरोप
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया, "ऑपरेशन लोटस अब मेरे निर्वाचन क्षेत्र तक पहुंच गया है. वे चुनाव परिणाम बदलने के लिए मतदाता सूची में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "इस तरह की हेराफेरी लोकतंत्र को कमजोर करती है. हम चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि वह इस तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए अपनी सख्त निगरानी जारी रखे."
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