NCF Curriculum Change: 10वीं में होंगे 8 बोर्ड एग्‍जाम, जानें हाईस्‍कूल परीक्षाओं में क्‍या हो सकते हैं बदलाव

NCF Class 10th Curriculum Change: कक्षा 10वीं पास करने के लिए स्‍टूडेंट्स को अब उपलब्‍ध 8 कर‍िकुलम में से प्रत्‍येक के 2 एसेंशियल कोर्स पास करने होंगे. इस तरह छात्रों को कक्षा 9वीं और 10वीं में कुल 16 एसेंशियल कोर्सेज़ पास करने होंगे.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 07 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST

NCF Class 10th Curriculum Change: नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के लिए ड्राफ्ट रिकमेंडेशंस के तहत कक्षा 9, 10 और 12 के छात्रों के लिए सब्‍जेक्‍ट च्‍वॉइस और बोर्ड परीक्षाओं के लिए एसेंशियल पेपर्स के विषय पर बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. सुझावों में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाएं साल में 2 बार आयोजित की जाएं जिसमें स्‍टूडेंट्स 2 हिस्‍सों में अपने पसंद के सब्‍जेक्‍ट्स के लिए एग्‍जाम दे सकें. इसके अलावा सभी विषयों को 8 करिकुलम एरिया में बांटने का भी सुझाव है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र विभिन्न क्षेत्रों में ओवरआल नॉलेज रखते हैं.

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कक्षा 10वीं के अंत में 8 बोर्ड एग्‍जाम
कक्षा 10वीं पास करने के लिए स्‍टूडेंट्स को अब उपलब्‍ध 8 कर‍िकुलम में से प्रत्‍येक के 2 एसेंशियल कोर्स पास करने होंगे. इस तरह छात्रों को कक्षा 9वीं और 10वीं में कुल 16 एसेंशियल कोर्सेज़ पास करने होंगे.

साल में 2 बार होगी बोर्ड परीक्षाएं, श‍िक्षा मंत्रालय ने जारी किया NCF का प्री-ड्राफ्ट, बदलेगा पूरा एग्जाम पैटर्न

ये होंगे 8 करिकुलम
ह्यूमैनिटीज़ (जिसमें लैंग्‍वेज भी शामिल हैं)
गणित और कम्प्यूटिंग
वोकेशनल एजुकेशन
फिजिकल एजुकेशन
आर्ट्स 
सामाजिक विज्ञान
विज्ञान
इंटर-डिसिप्‍लिनेरी एरिया

कक्षा 9 और 10 के एग्‍जाम साल में एक बार ही होंगे. हालांकि, इन कक्षाओं में भी आगे चलकर सेमेस्टर पैटर्न लाया जा सकता है.

पर्यावरण शिक्षा कक्षा 10 के लिए जरूरी
NCF के मसौदे की सिफारिशें बताती हैं कि कक्षा 10वीं के छात्रों को पर्यावरण शिक्षा को एक अलग विषय के रूप में पढ़ना जरूरी होगा. ड्राफ्ट के अनुसार, "छात्र सभी कोर्सेज़ में अपनी समझ और कक्षा 9 में विकसित क्षमताओं के माध्यम से पर्यावरण शिक्षा से संबंधित प्रमुख चिंताओं और मुद्दों की समझ पर ध्यान केंद्रित करेंगे."

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12वीं में हो सकती हैं 'ऑन-डिमांड परीक्षा'
बोर्ड अब ऑन-डिमांड एग्‍जाम के पैटर्न की तैयारी कर रहा है. सुझाव है कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को साल में कम से कम दो बार आयोजित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दोनों हैं. छात्र पहले सेमेस्‍टर में उन सब्‍जेक्‍ट्स के लिए परीक्षा दे सकेंगे जिनकी तैयारी उन्‍होंने पूरी कर ली है और अन्‍य सब्‍जेक्‍ट्स के लिए दूसरे सेमेस्‍टर में एग्‍जाम दे सकेंगे.

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