अमेरिका ने ईरानी न्यूक्लियर साइट पर सिर्फ बम नहीं गिराए... पनडुब्बी से 30 टोमाहॉक मिसाइलें भी मारी

अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी USS जॉर्जिया ने ईरान के नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर 30 टोमाहॉक मिसाइलें दागीं. साथ ही, B-2 स्टील्थ बॉम्बर ने नतांज पर दो GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए. यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करने के लिए था, जिसने मध्य पूर्व में तनाव और युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया.

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यूएसएस जॉर्जिया से अमेरिका ने टोमाहॉक मिसाइलें ईरान के दो न्यूक्लियर साइट्स पर दागी. (फोटोः AFP/Getty) यूएसएस जॉर्जिया से अमेरिका ने टोमाहॉक मिसाइलें ईरान के दो न्यूक्लियर साइट्स पर दागी. (फोटोः AFP/Getty)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू किया. 21 जून 2025 को अमेरिकी नौसेना की गाइडेड-मिसाइल पनडुब्बी USS जॉर्जिया (SSGN 729) ने 30 टोमाहॉक लैंड अटैक मिसाइलें (TLAM) ईरान के दो प्रमुख परमाणु ठिकानों नतांज और इस्फहान पर दागीं.

इसके साथ ही, B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर ने नतांज पर दो GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम गिराए. यह हमला ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने और इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया.  

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USS जॉर्जिया: अमेरिका की घातक पनडुब्बी

USS जॉर्जिया (SSGN 729) एक ओहियो-क्लास गाइडेड-मिसाइल पनडुब्बी है, जिसे अमेरिकी नौसेना ने सटीक और लंबी दूरी के हमलों के लिए डिज़ाइन किया है. यह पनडुब्बी 154 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें ले जा सकती है, जो इसे दुनिया की सबसे घातक समुद्री हथियार प्रणालियों में से एक बनाती है. इसकी स्टील्थ तकनीक इसे दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम बनाती है, जिससे यह गुप्त हमले करने में माहिर है.

USS जॉर्जिया की विशेषताएं

  • लंबाई: 560 फीट (170 मीटर).
  • वजन: 18,750 टन (पानी के नीचे).
  • मिसाइल क्षमता: 154 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें और 66 स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेज के लिए जगह.
  • चालक दल: 155 नौसैनिक और अधिकारी.
  • प्रणोदन: परमाणु रिएक्टर, जो इसे लंबे समय तक पानी के नीचे रहने की क्षमता देता है.
  • गति: 20+ नॉट्स (लगभग 37 किमी/घंटा).

USS जॉर्जिया सितंबर 2024 से मध्य पूर्व क्षेत्र में तैनात थी और इस ऑपरेशन में इसने पर्शियन खाड़ी से लगभग 400 मील (640 किलोमीटर) की दूरी से मिसाइलें दागीं.

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टोमाहॉक क्रूज़ मिसाइल: सटीकता का प्रतीक

टोमाहॉक लैंड अटैक मिसाइल (TLAM) अमेरिका का एक लंबी दूरी का, सबसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जिसे सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह मिसाइल जहाजों और पनडुब्बियों से लॉन्च की जा सकती है और सभी मौसम में काम करती है.

टॉमहॉक की विशेषताएं

  • रेंज: 2,500 किलोमीटर, जो इसे ईरान के ठिकानों तक आसानी से पहुंचने में सक्षम बनाती है.
  • मार्गदर्शन प्रणाली: GPS, TERCOM (Terrain Contour Matching) और DSMAC (Digital Scene-Matching Area Correlation) जो इसे सटीक निशाना लगाने में मदद करते हैं.
  • वॉरहेड: 1,000 पाउंड (450 किलोग्राम) का पारंपरिक विस्फोटक या क्लस्टर मुनिशन.
  • गति: 880 किमी/घंटा (550 मील/घंटा).
  • विशेषता: यह कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है, जिससे रडार द्वारा पकड़े जाने की संभावना कम होती है.

टोमाहॉक मिसाइलें नतांज और इस्फहान के ऊपरी और भूमिगत ढांचों को नष्ट करने के लिए आदर्श थीं, क्योंकि ये सटीकता के साथ बड़े क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती हैं.

नतांज और इस्फहान पर हमला: ऑपरेशन का विवरण

21 जून, 2025 की सुबह, अमेरिका ने एक जटिल और गुप्त सैन्य ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें नतांज, इस्फहान और फोर्डो परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस ऑपरेशन में USS जॉर्जिया ने 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं, जो निम्नलिखित ठिकानों पर केंद्रित थीं...

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नतांज

महत्व: नतांज ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन केंद्र है, जो 40 मीटर की गहराई पर बना है. यह परमाणु हथियार बनाने के लिए यूरेनियम को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण है.

हमले का विवरण: USS जॉर्जिया से दागी गई टॉमहॉक मिसाइलों ने नतांज के ऊपरी ढांचों और भूमिगत सेंट्रीफ्यूज कैस्केड्स को निशाना बनाया. इसके अतिरिक्त, एक B-2 स्टील्थ बॉम्बर ने नतांज पर दो GBU-57 MOP बम गिराए, जो गहरे बंकरों को भेदने में सक्षम हैं.

नुकसान: ऊपरी इमारतें और कुछ सेंट्रीफ्यूज को नुकसान पहुंचा, लेकिन ईरान ने दावा किया कि सुविधा को "अपूरणीय क्षति" नहीं हुई.

इस्फहान

महत्व: इस्फहान में यूरेनियम को परमाणु ईंधन में बदलने की सुविधा है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

हमले का विवरण: टॉमहॉक मिसाइलों ने इस्फहान की प्रमुख इमारतों को निशाना बनाया. छह इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार, कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ.

विशेष टिप्पणी: अमेरिकी सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस्फहान का भूमिगत परिसर अपेक्षा से अधिक गहरा और मजबूत था, जिसके कारण इसे पूरी तरह नष्ट करना संभव नहीं हुआ.

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फोर्डो

महत्व: फोर्डो पहाड़ों के नीचे 80 मीटर की गहराई में बना है, जो इसे सबसे सुरक्षित परमाणु सुविधा बनाता है.

हमले का विवरण: इस ठिकाने को छह B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने निशाना बनाया, जिन्होंने 12 GBU-57 MOP बम गिराए. ये बम विशेष रूप से गहरे बंकरों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.

नुकसान: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि फोर्डो को "पूरी तरह नष्ट" कर दिया गया, लेकिन इजरायली सेना रेडियो ने कहा कि इसकी पूरी तरह से तबाही की संभावना कम है.

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ऑपरेशन की रणनीति

इस ऑपरेशन को अमेरिका और इजरायल ने मिलकर समन्वयित किया था. इसका उद्देश्य ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को कमजोर करना था. ऑपरेशन की मुख्य विशेषताएं थीं...

  • गुप्त योजना: हमले इतने गुप्त थे कि जब B-2 बॉम्बर्स और USS जॉर्जिया ने हमले शुरू किए, तब भी कई समाचार चैनल यह अनुमान लगा रहे थे कि ट्रंप "विकल्पों पर विचार" कर रहे हैं.
  • B-2 की स्टील्थ तकनीक: B-2 बॉम्बर्स ने 37 घंटे की नॉन-स्टॉप उड़ान भरी. ईरान के रूसी निर्मित हवाई रक्षा तंत्र को चकमा दिया.
  • USS जॉर्जिया की स्थिति: पनडुब्बी ने पर्शियन खाड़ी से 400 मील की दूरी से मिसाइलें दागीं, जिससे ईरान को जवाबी कार्रवाई का मौका नहीं मिला.
  • सटीकता और शक्ति: टोमाहॉक मिसाइलों ने ऊपरी ढांचों को नष्ट किया, जबकि GBU-57 MOP ने गहरे बंकरों को निशाना बनाया.
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