UP: बेटी के कैंसर ट्रीटमेंट ने किसान को बना दिया कर्जदार, खेत में फांसी लगाकर दे दी जान

80 साल के विनु अहिरवार ने खेत के एक पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पहले से कर्जे के कारण परेशान विनु इस साल खरीफ की फसल बर्बाद होने के बाद और ज्यादा टेंशन में आ गया था. विनु की बेटी को कैंसर था, जिसका इलाज कराते हुए वर आर्थिक तंगी का शिकार हो गया था.

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मौके पर पहुंची पुलिस घटनास्थल का मुआवजा करती हुई. मौके पर पहुंची पुलिस घटनास्थल का मुआवजा करती हुई.

अमित श्रीवास्तव

  • झांसी,
  • 27 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

उत्तर प्रदेश के झांसी में आर्थिक तंगी के चलते एक किसान ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि किसान की एक बेटी थी, जिसका इलाज कराते हुए किसान कर्जे में डूब गया था. इस साल फसल बर्बाद होने के चलते वह काफी टेंशन में था और इसलिए उसने अपने ही खेत में फंदा लगाकर फांसी लगा ली.

मामला जनपद झांसी ब्लाक बंगरा के गांव विजरवारा का है. यहां 80 साल के विनु अहिरवार ने खेत के एक पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पहले से कर्जे के कारण परेशान विनु इस साल खरीफ की फसल बर्बाद होने के बाद और ज्यादा टेंशन में आ गया था.

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मृतक किसान के दामाद गंगा प्रसाद अहिरवार ने बताया, ' मेरे ससुर खेती किसानी करके जीवन-यापन करते थे. इनकी पत्नी भूरी देवी का 3 साल पहले ही देहांत हो चुका है. मृतक किसान की एक एक बेटी थी, जो कैंसर से पीड़ित थी. उसके इलाज के लिए काफी कर्ज लिया था. विनु की एक ही बेटी थी, जिसका  निधन 1 साल पहले हो गया था.

इस साल खरीफ की फसल भी नष्ट हो गई थी, किसान काफी टेंशन में था. इसी टेंशन के चलते किसान ने जीवन लीला समाप्त कर ली. कांग्रेस नेता शिवनारायण सिंह परिहार ने मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन से मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है.

सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार मौके पर पहुंचे परिजनों को ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद की बात कही. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में किसाननों की बदहाली जारी है. बुंदेलखंड किसानों की कब्रगाह बनी हुई है.

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