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कम लागत में दोगुना मुनाफा, इस किसान ने अश्वगंधा की खेती कर रचा इतिहास!

किसान अमोल बयस कहते हैं कि अश्वगन्धा की फसल को जंगली जानवर नहीं खाते हैं. उन्होंने फिलहाल 30 हजार की लागत में एक एकड़ में अश्वगंधा की फसल लगाई है. इसके पत्ते, जड़ सभी आयुर्वेदिक दवा बनाने में काम आते हैं. ऐसे में किसान इस पौधे से आराम से दोगुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

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ashwagandha farming
ashwagandha farming
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अश्वगन्धा की फसल को जंगली जानवर नहीं खाते हैं
  • 4 महीनों में पूरी फसल तैयार हो जाती है

विदर्भ के ज्यादातर किसान अपने खेत मे मूंग, कपास, तुवर और सोयाबीन की खेती करते नजर आते हैं. लेकिन इन सबके बीच वाशिम जिले के करंजी गांव के रहने वाले किसान अमोल बयस ने अपने खेत मे अश्वगंधा की फसल लगाई है. अपने जिले में इस पौधे की खेती करने वाले ये पहले किसान हैं. ऐसे में उन्हाेंने इतिहास रच दिया है.

किसान अमोल बयस कहते हैं कि अश्वगन्धा की फसल को जंगली जानवर नहीं खाते हैं. उन्होंने फिलहाल 30 हजार की लागत में एक एकड़ में अश्वगंधा की फसल लगाई है. इसके पत्ते, जड़ सभी आयुर्वेदिक दवा बनाने में काम आते हैं. ऐसे में किसान इस पौधे से आराम से दोगुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

वह आगे कहते हैं कि पहले मैं परंपरागत खेती करता था. सोशल मीडिया पर अश्वगन्धा की खेती के बार जनाकारी लेने पर मैंने 1 एकड़ में अश्वगन्धा की फसल लगाने की सोची. आयुर्वेदिक गुण होने की वजह से इस फसल को जानवर बिल्कुल खराब नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि 4 महीनों में पूरी फसल तैयार हो जाएगी. अमोल बयस के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि 30 हजार रुपये लागत लगने के बाद उन्हें 70 हजार रुपये के मुनाफे की उम्मीद है.

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(वाशिम से जका खान की रिपोर्ट)

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