1 सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945 तक चले दूसरे विश्व युद्ध ने तबाही की ऐसी कहानी लिखी, जिसकी अब तक कोई मिसाल नहीं है. इस युद्ध में 5 से 7 करोड़ लोगों ने जान गंवाई थी. पहले विश्वयुद्ध में बुरी तरह हारे जर्मनी का ये नया चांसलर कुछ ऐसे ही मंसूबों के साथ अपने देश को खड़ा कर रहा था. अपनी नाजी पार्टी और सरकार के साथ एक ऐसा जर्मनी, जो अपना खोया हुआ गौरव दोबारा हासिल कर सके. पहले विश्वयुद्ध में जितनी जमीन जर्मनी हार चुका था, उसे वापस ले सके. 1934 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद हिटलर की ये जिद, सनक की हद तक बढ़ने लगी. ऐसा होना कोई हैरत की बात नहीं थी क्योंकि पहले विश्व युद्ध में मित्र देशों से हारने के बाद जर्मनी ने खोया भी तो बहुत कुछ था. देखिए तेज का खास कार्यक्रम, वर्ल्ड वार, अनंत भट्ट के साथ.