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अमेरिका और यूरोप में कुदरत का कहर

अमेरिका और यूरोप में कुदरत का कहर

कुदरत पर किसी का ज़ोर नहीं चलता. जब कुदरत का मिज़ाज बिगड़ता है तो टूटती है आफ़त. ऐसी ही आफ़त का सामना यूरोप और अमेरिका दोनों कर रहे हैं. एक तरफ़ तूफ़ान ने तबाही मचा रखी है तो दूसरी तरफ़ ज्वालामुखी उगल रहा है राख़ की धार. अमेरिका में तूफ़ान से कितने ही घर उजड़ गए, इंसानी ज़िंदगियां ख़त्म हो गईं तो यूरोप का आसमान राख़ की वजह से काला हो गया है.

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