सयुंक्त राष्ट्र ( यूएन) द्वारा शुक्रवार को एंटोनियो गुटेरेस को फिर महासचिव के पद के लिए चुन लिया गया है. सर्वसम्मति से तय हुआ कि उन्हें दूसरा कार्यकाल भी दिया जाना चाहिए. एंटोनियो गुटेरेस का दूसरा कार्यकाल जनवरी 2022 से शुरू होगा और वे इस पद पर 31 दिसंबर 2026 तक रहेंगे. इससे पहले 2017 में वह पहली बार महासचिव के पद पर नियुक्त किए गए थे.
एंटोनियो गुटेरेस फिर बने यूएन महासचिव
बतौर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का काम सभी की नजरों में शानदार रहा है. मुश्किल परिस्थितियों में उनका संवाद स्थापित करने की ताकत उन्हें दूसरों से अलग बनाती है और उसी वजह से 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्हें भरपूर समर्थन मिला है. भारत की तरफ से भी एंटोनियो गुटेरेस का समर्थन किया गया था और बतौर महासचिव उनके काम को बढ़िया बताया.
एंटोनियो गुटेरेस ने क्या कहा?
अब जब एंटोनियो गुटेरेस को दूसरी बार ये बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, तो वे भी खासा उत्साहित नजर आ रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वे ज्यादा जिम्मेदारी महसूस कर रहे हैं. ट्वीट में लिखा, 'मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुझ में इतना विश्वास दिखाया गया है और मुझे दूसरी बार बतौर महासचिव चुना गया. ये काफी सम्मान की बात है और ये पद सिर्फ नेक कार्य करने के लिए बना है.'
I am deeply honoured and grateful for the trust placed in me to serve as the Secretary-General of the United Nations for a second term.
— António Guterres (@antonioguterres) June 18, 2021
Serving the @UN is an immense privilege and a most noble duty.
जारी बयान ये भी कहा गया है कि हम अपना इतिहास खुद बनाते हैं. इस प्रक्रिया में हम टूट भी सकते हैं या फिर बेहतरीन काम कर अपनी आने वाली पीढ़ियों को शानदार भविष्य दे सकते हैं. उम्मीद ना खोने के हमारे पास कई कारण हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना काल में जो गरीब और संपन्न देशों के बीच अंतर बढ़ गया है, इसे पाटने की जरूरत है. वे उम्मीद जता रहे हैं कि कोरोना से मुक्त होने के बाद सभी पर्यावरण का ज्यादा ध्यान रखेंगे.
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बड़ा और सफल राजनीतिक सफर
जानकारी के लिए बता दें कि एंटोनियो गुटेरेस का एक सफल और बेहतरीन राजनीतिक सफर रहा है. वे दो बार पुर्तगाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. इसके बाद यूएन में उन्होंने सबसे पहले बतौर उच्चायुक्त काम किया है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शरणार्थियों के लिए काफी कुछ किया है. अब जब उन्हें दोबारा महासचिव के पद के लिए चुन लिया गया है, ऐसे में सभी की उनसे उम्मीदें भी ज्यादा बढ़ गई हैं.