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भारत पर भड़के जेलेंस्की का बड़ा दांव! जानें- डीजल खरीद क्यों रोक रहा है यूक्रेन

भारत के रूसी तेल खरीदने को लेकर दबाव लगातार बढ़ रहा है. इस बीच यूक्रेन भारत से डीजल खरीद बंद करने जा रहा है. यूक्रेन की एक एनर्जी कंसल्टेंसी फर्म ने यह भी कहा है कि भारतीय डीजल की लैब में जांच की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि उसमें रूसी कॉम्पोनेंट्स को मौजूद नहीं हैं.

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रूसी तेल की खरीद से नाराज यूक्रेन भारत से डीजल की खरीद बंद करने जा रहा है (File Photo: Reuters)
रूसी तेल की खरीद से नाराज यूक्रेन भारत से डीजल की खरीद बंद करने जा रहा है (File Photo: Reuters)

यूक्रेन के एनर्जी कंसल्टेंसी फर्म एनकोर (Enkorr) ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन भारत से डीजल की खरीद बंद करने जा रहा है. फर्म के मुताबिक, यूक्रेन 1 अक्टूबर से भारत से उत्पादित डीजल ईंधन के आयात पर प्रतिबंध लगाएगा. बताया जा रहा है कि यह रोक भारत के रूसी तेल की खरीद को देखते हुए लगाई जा रही है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एनकोर के हवाले से यह खबर दी है. एजेंसी के मुताबिक, यूक्रेन की एक अन्य कंसल्टेंसी, ए-95 ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि इस साल की गर्मियों में एक प्रमुख यूक्रेनी तेल रिफाइनरी को बंद करना पड़ा था.

रिफाइनरी के बंद होने की वजह से यूक्रेनी व्यापारियों को भारत से डीजल ईंधन खरीदकर आयात करके इसकी भरपाई करनी पड़ी. यहां तक कि यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने भी भारत से ईंधन की खरीद की है क्योंकि इसकी क्वालिटी काफी अच्छी मानी जाती है.

रूस ड्रोन और मिसाइलों से यूक्रेन की तेल रिफाइनरियों और एनर्जी स्टोर करने वाले भंडारों पर हमले कर रहा है. इससे यूक्रेन की रिफाइनरियों और तेल स्टोरेज फैसिलिटी को नुकसान हुआ है.

भारतीय डीजल की जांच करेगा यूक्रेन

एनकोर का कहना है कि यूक्रेनी सुरक्षा एजेंसियों ने आदेश दिया है कि भारत से खरीदे गए सभी तरह के डीजल की जांच की जानी चाहिए. फर्म ने कहा कि भारतीय डीजल की लैब में जांच हो ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि उसमें रूसी कॉम्पोनेंट्स मौजूद तो नहीं हैं.

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एनकोर ने कहा कि यूक्रेन ने अगस्त में 119,000 टन भारतीय डीजल ईंधन का आयात किया, जो उसके कुल डीजल आयात का 18% है.

फरवरी 2022 में रूस के साथ युद्ध की शुरुआत से पहले यूक्रेन घरेलू उत्पादन की कमी को देखते हुए बेलारूस और रूस से डीजल ईंधन का आयात करता था. लेकिन युद्ध की शुरुआत के बाद से यूक्रेन यूरोपीय देशों से ईंधन खरीद रहा है. ए-95 ने कहा कि साल की पहली छमाही में डीजल ईंधन का आयात साल-दर-साल 13% घटकर 2.74 मिलियन मीट्रिक टन रह गया.

रूसी तेल की खरीद को लेकर अमेरिका के निशाने पर है भारत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में दोबारा सत्ता में आते ही रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कवायद तेज कर दी थी. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद रूस और यूक्रेन बातचीत की टेबल पर नहीं आ सके हैं.

इसे देखते हुए ट्रंप ने रूस पर पाबंदी बढ़ा दी है और वो रूस को चोट पहुंचाने के मकसद से उसके साथ व्यापार करने वाले देशों को भी टार्गेट कर रहे हैं जिसमें भारत मुख्य रूप से शामिल है. 

भारत रूसी तेल के शीर्ष खरीददारों में से एक है जो अपनी जरूरत का 35-40 प्रतिशत कच्चा तेल रूस से आयात करता है. अमेरिका का कहना है कि इस खरीद से यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में रूस को मदद मिल रही है इसलिए भारत को रूसी तेल की खरीद बंद कर देनी चाहिए.

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तमाम दबावों के बावजूद जब भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए रूसी तेल की खरीद बंद नहीं की तो ट्रंप नाराज हो गए और उन्होंने 25% टैरिफ के अलावा भारत पर अतिरिक्त 25% का टैरिफ लगा दिया. अमेरिका निर्यात होने वाले भारतीय सामानों पर 27 अगस्त से 50% का भारी टैरिफ लग गया है जिससे भारत के टेक्सटाइल, जूलरी जैसे उद्योगों को भारी नुकसान हुआ है.

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