अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर में हमास नेताओं पर हमला करने से पहले उन्हें कोई सूचना नहीं दी थी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह हमला पूरी तरह से इज़रायल का खुद का फैसला था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ओवल ऑफिस में ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने (इजरायल) हमें इस बारे में पहले नहीं बताया था. उन्होंने कहा कि कतर अमेरिका का अहम मित्र है और उन्होंने दोहा को भरोसा दिलाया कि इज़रायल फिर कतर पर हमला नहीं करेगा. साथ ही कहा कि दोहा एक बहुत अच्छा सहयोगी रहा है.
वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि कतर में हमास नेताओं पर हमला पूरी तरह से इज़रायल की ओर से की गई स्वतंत्र कार्रवाई थी. साथ ही कहा कि इस हमले की योजना इजरायल ने खुद बनाई थी और इसे अंजाम भी इज़रायल ने दिया. हम पूरी जिम्मेदारी लेते हैं.

संघर्ष समाधान में सहयोगी की भूमिका निभाए कतर
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि कतर को संघर्ष समाधान में सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कतर से कहा कि वह गाजा में बचे 48 बंधकों को छुड़ाने, हमास के हथियार डालने और गाजा के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए मदद करे. रुबियो ने इज़रायल के पीएम नेतन्याहू के साथ मिलकर दोहा को रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया.
नेतन्याहू ने दिया हमले का संकेत?
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कतर पर हुए हमले की आलोचना को नजरअंदाज करते हुए कहा कि वे भविष्य में भी हमास नेताओं पर 'जहां कहीं भी हों' हमले करने से पीछे नहीं हटेंगे. इतना ही नहीं, नेतन्याहू ने ज़ोर देकर कहा कि कतर में रह रहे हमास के नेताओं को खत्म करने से सभी बंधकों को रिहा करने और गाजा में युद्ध समाप्त करने की मुख्य बाधा दूर हो जाएगी.