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ट्रंप-पुतिन समिट: अलास्का में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त, एंकोरेज का एयर स्पेस सील

शुक्रवार को अलास्का में होने वाली ट्रंप और पुतिन की वार्ता को लेकर एंकोरेज के एयर स्पेस को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जिससे ये क्षेत्र विमानों के लिए नो फ्लाई जोन बन गया है. NORAD के अनुसार, ये कदम सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है.

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Trump and Putin. (File Photo: ITG)
Trump and Putin. (File Photo: ITG)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अगस्त को होने वाले बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन से पहले अलास्का के एंकोरेज के एयर स्पेस को पूरी तरह से बंद कर दिया है.

नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) के अनुसार, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने एंकोरेज के ऊपर अस्थायी उड़ान प्रतिबंध (Temporary Flight Restriction) लागू किया है, जिससे ये क्षेत्र विमानों के लिए नो फ्लाई जोन बन गया है. ये कदम जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में होने वाले इस उच्च-स्तरीय अमेरिका-रूस बैठक के लिए सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया.

NORAD और FAA द्वारा लागू किए गए फ्लाइट्स प्रतिबंध से ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान कोई भी हवाई गतिविधि सुरक्षा-व्यवस्था में बाधा न डाले. जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन, जो एंकोरेज के पास स्थित है. ये सैन्य अड्डा न केवल अपनी रणनीतिक स्थिति के लिए जाना जाता है, बल्कि ये वाशिंगटन से पूर्वी एशिया की यात्रा करने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह भी है.

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अलास्का के गवर्नर ने किया स्वागत

वहीं, अलास्का के गवर्नर माइक डनलेवी ने इस बैठक की मेजबानी के लिए अपने राज्य के चयन का स्वागत करते हुए कहा, 'अलास्का विश्व का सबसे रणनीतिक स्थान है, जो उत्तरी अमेरिका और एशिया के चौराहे पर स्थित है. ये वैश्विक महत्व के चर्चाओं के लिए उपयुक्त स्थान है.'

सीजफायर केंद्रित होगी वार्ता

ये शिखर सम्मेलन यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए सीजफायर वार्ता पर केंद्रित है. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इस बैठक की घोषणा करते हुए कहा कि ये मुलाकात अलास्का में होगी. इस ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व के कारण अलास्का को इस बैठक के लिए चुना गया जो रूस के साथ इसकी निकटता और आर्कटिक क्षेत्र में इसकी रणनीतिक स्थिति को दर्शाता है.

हालांकि, इस शिखर सम्मेलन वार्ता को लेकर कुछ विवाद भी है. विशेषकों ने अलास्का में इस शिखर सम्मेलन के आयोजन की प्रतीकात्मकता पर चिंता जताई है, क्योंकि ये क्षेत्र कभी रूसी साम्राज्य का हिस्सा था और रूस के राष्ट्रवादी विचार धारा वाले लोग इसे रूस का खोया हुआ क्षेत्र मानते हैं.

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