पाकिस्तान की जेल में सोमवार को एक भारतीय कैदी किरपाल सिंह की मौत हो गई. मरने वाला कैदी लाहौर के कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह के साथ जेल में बंद था. पाकिस्तान की अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी.
20 साल से थे जेल में कैद
जासूसी के आरोप में किरपाल सिंह 20 साल से अधिक समय से लाहौर की एक जेल में कैद थे. पचास साल के किरपाल 1992 में कथित तौर पर वाघा सीमा से पाकिस्तान में घुसे थे. उन्हें वहीं गिरफ्तार कर लिया गया था.
जिन्ना अस्पताल में हुआ पोस्टमार्टम
बाद में उन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बम विस्फोटों के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. कोट लखपत जेल के एक अधिकारी ने बताया कि किरपाल सिंह सोमवार सुबह कोट लखपत जेल में मृत पाया गया. उन्होंने कहा कि किरपाल का शव पोस्टमॉर्टम के लिए जिन्ना अस्पताल भेजा गया है.
साथी कैदियों के मुताबिक सीने में था दर्द
अधिकारी ने कहा कि एक न्यायिक अधिकारी को भी बुलाया गया जिसने कुछ कैदियों के बयान दर्ज किए. यातना से किरपाल की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि जेल में किरपाल के पास मौजूद कैदियों ने बताया कि उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की और तुरंत उनकी मौत हो गई.
आरोपों से बरी हुए, सजा बरकरार रही
किरपाल पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले थे. कहा जाता है कि लाहौर हाई कोर्ट ने उसे बम विस्फोटों के आरोप से बरी कर दिया था, लेकिन उसकी मौत की सजा अज्ञात कारणों से कम नहीं की जा सकी. उसकी बहन जगीर कौर ने कहा था कि उनका परिवार आर्थिक तंगी की वजह से उनकी रिहाई की आवाज नहीं उठा सका. उनके मामले को उठाने के लिए कोई नेता भी आगे नहीं आया.
We've waited for 24 yrs. We don't know how he died,we should at least get the body:Jagir Kaur(Kirpal Singh’s sister) pic.twitter.com/Jr9hMkAdf1
— ANI (@ANI_news) April 11, 2016