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सूखे नल, अंधेरे में जिंदगी, सन्नाटे में सड़क... बिजली गुल होने से पानी तक के लिए तरसा क्यूबा

क्यूबा की राजधानी हवाना, जहां लगभग 20 लाख लोग रहते हैं, शनिवार को एक अजीब सी शांति पसरी हुई थी. सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही बेहद कम थी, और अधिकांश घरों में लोग मोमबत्तियों और लैंपों की रोशनी में रात बिता रहे थे. बिजली संकट ने लोगों के रोज़मर्रा के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित किया है.

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क्यूबा में बिजली कटौती से थम गई जिंदगी
क्यूबा में बिजली कटौती से थम गई जिंदगी

क्यूबा में पिछले दो दिनों से जारी बिजली संकट के कारण देश के करोड़ों लोगों की जिंदगी ठहर सी गई है. शनिवार को सरकार ने घोषणा की थी कि कुछ क्षेत्रों में बिजली बहाल कर दी गई है, लेकिन अब भी देश के बड़े हिस्से में अंधेरा छाया हुआ है. यह क्यूबा के इतिहास में हाल के वर्षों की सबसे गंभीर बिजली कटौती मानी जा रही है, जिसने पूरी तरह से सामान्य जीवन को बाधित कर दिया है.

बीते गुरुवार से अंधेरे में डूबा है क्यूबा
गुरुवार की शाम क्यूबा का लगभग आधा हिस्सा अंधकार में डूब गया था, लेकिन शुक्रवार सुबह तक इस संकट की जद में पूरा द्वीप आ गया. ये समस्या एक बड़े बिजली संयंत्र के फेल होने से हुई. ऊर्जा मंत्री विसेंटे डी ला ओ लेवी ने शनिवार को बताया कि देश की विद्युत ग्रिड में 500 मेगावाट बिजली बहाल की जा चुकी है, जबकि सामान्य स्थितियों में 3 गीगावाट बिजली उत्पन्न होती है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बिजली बहाल हो गई है, और दो थर्मोइलेक्ट्रिक प्लांट्स ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. उम्मीद जताई गई है कि कुछ और संयंत्र जल्द ही फिर से चालू होंगे.

हालांकि, राजधानी हवाना और देश के अन्य प्रमुख हिस्सों में अभी भी अंधकार छाया हुआ है. हवाना की बिजली कंपनी ने बताया कि शनिवार को शहर के कुछ हिस्से फिर से अंधेरे में चले गए, जिससे कुल बिजली आपूर्ति 500 मेगावाट से घटकर 370 मेगावाट हो गई.

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घरों में जल रहीं मोमबत्तियां, लैंप
क्यूबा की राजधानी हवाना, जहां लगभग 20 लाख लोग रहते हैं, शनिवार को एक अजीब सी शांति पसरी हुई थी. सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही बेहद कम थी, और अधिकांश घरों में लोग मोमबत्तियों और लैंपों की रोशनी में रात बिता रहे थे. बिजली संकट ने लोगों के रोज़मर्रा के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित किया है. सबसे बड़ा संकट पानी की आपूर्ति का हो गया है, क्योंकि बिजली से चलने वाले पंपों के बंद होने से पानी की उपलब्धता भी ठप हो गई है.

कई इलाकों में पीने का पानी भी नहीं
शहर के कई इलाकों में पीने के पानी की कमी के कारण लोग सड़कों पर जमा हो रहे हैं, और जिनके पास संसाधन हैं, वे पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं. हवाना में रहने वाले 45 वर्षीय जोस ने कहा, "हमने सोचा था कि यह केवल कुछ घंटों की बात होगी, लेकिन अब यह दो दिन हो चुके हैं और हमें नहीं पता कि बिजली कब पूरी तरह लौटेगी."

क्यूबा, जो पहले से ही आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा है, इस ब्लैकआउट के बाद और भी मुश्किल दौर से गुजर रहा है. बिजली संकट ने खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और परिवहन जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को प्रभावित किया है. बाजारों में बिजली के अभाव में खाने-पीने की चीजें खराब हो रही हैं, और अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को बनाए रखने के लिए जनरेटर का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन ये जनरेटर लंबे समय तक चलाने में सक्षम नहीं हैं, जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं.

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क्यूबा सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि बिजली आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल की जाए. ऊर्जा मंत्री ओ लेवी ने कहा कि अगले कुछ घंटों में कुछ और संयंत्रों को चालू करने की योजना है, जिससे स्थिति में सुधार हो सकेगा. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पूरे देश में बिजली कब तक पूरी तरह बहाल हो पाएगी. लाखों लोग अब भी अंधकार और अनिश्चितता में हैं, और वे बेसब्री से उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब उनकी ज़िंदगी सामान्य हो सकेगी.
 

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