यूक्रेन के उत्तरी क्षेत्र सुमी (Sumy) में रूस ने भीषण हवाई हमला किया है. इसमें 30 लोगों की मौत हो गई. रूसी हमलों में एक पैसेंजर ट्रेन और रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया गया. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले को निर्दयी करार दिया. वहीं, स्थानीय गवर्नर ओलेह ह्रीहोरोव ने कहा कि रूसी हमले ने शॉस्टका रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया और उस समय शॉस्टका से कीव जा रही ट्रेन को भी ड्रोन ने हिट किया.
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें आग की लपटों में घिरी एक ट्रेन की कोच दिखाई दे रही है, उसका ढांचा मुड़ा हुआ है और खिड़कियां चकनाचूर हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि रूस ने सूमी क्षेत्र के शॉस्टका रेलवे स्टेशन पर ड्रोन हमला किया. सभी आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंच चुकी हैं और लोगों की मदद कर रही हैं. अब तक की जानकारी के अनुसार कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि हमले के वक्त ट्रेन में यूक्रेन रेलवे के कर्मचारी और यात्री दोनों मौजूद थे. बचावकर्मी घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं, जबकि घायलों की सटीक संख्या का पता लगाया जा रहा है.
लगातार बढ़ रहे हैं रूसी हमले
यह हमला रूस की उस एयरस्ट्राइक मुहिम का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसमें बीते 2 महीनों से यूक्रेन के रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. रूस लगभग हर दिन यूक्रेनी परिवहन नेटवर्क पर हमले कर रहा है. सिर्फ एक दिन पहले ही रूस ने यूक्रेन की राज्य गैस और तेल कंपनी नाफ्टोगैज़ के ठिकानों पर 35 मिसाइलें और 60 ड्रोन दागे थे. ये हमले खारकीव और पोल्टावा क्षेत्रों में हुए थे.
नाफ्टोगैज़ के सीईओ सर्जी कोरेत्स्की के अनुसार यह अब तक की सबसे बड़ी बमबारी थी जिससे गैस उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ. इस हमले में करीब 8000 उपभोक्ताओं की बिजली कट गई. उन्होंने कहा कि हमारे कई प्लांट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, कुछ जगहों पर नुकसान बहुत गंभीर है. इस हमले का कोई सैन्य औचित्य नहीं है.
एनर्जी स्ट्रक्चर पर बढ़े हमले
रूसी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसकी सेनाओं ने यूक्रेन के गैस और ऊर्जा ढांचे पर बड़े पैमाने पर रातभर हमले किए. रूस ने दावा किया कि उसने सैन्य-औद्योगिक स्थलों को भी निशाना बनाया है. सर्दियों के करीब आते ही रूस ने यूक्रेन के एनर्जी स्ट्रक्चर पर हमले तेज कर दिए हैं, जिसके कारण कई क्षेत्रों में लंबे ब्लैकआउट हो रहे हैं.
यूक्रेन का पलटवार
यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई तेज की है. हाल के महीनों में कीव की सेना ने रूस के भीतर स्थित तेल रिफाइनरियों पर हमले बढ़ा दिए हैं. इससे रूस के कई इलाकों में ईंधन की कमी हो गई है. सिर्फ सितंबर में ही यूक्रेन ने रूस और उसके कब्जे वाले इलाकों में 19 तेल ठिकानों पर ड्रोन हमले किए.