पाकिस्तान की सरकार के विरोध में पीओके के सैकड़ों व्यापारी लामबंद हो गए हैं. पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान के व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तान यहां अधिक टैक्स वसूल कहा है. व्यापारियों का कहना है कि यहां के कारोबारी पहले ही आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं. मुनाफा भी बेहद कम है. इसके बाद भी पाकिस्तान की सरकार जबरन अधिक टैक्स ले रही.
इसके विरोध में गिलगित-बाल्टिस्तान के छोटे-बड़े सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें भी बंद रखीं. पाकिस्तान की टैक्स व्यवस्था को अन्यायपूर्ण कहते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि क्या आप अपने घरों में रखे चिकन के लिए भी पाकिस्तान को टैक्स देंगे? क्या आप दूध के लिए घर में पाली गई गाय के लिए भी टैक्स चुकाएंगे?
I urge people of Gilgit Baltistan living in Karachi , Quetta , Lahore and other parts of Pakistan, be prepared , we are going to take on Islamabad head on: Protester addressing a gathering in Skardu, Gilgit Baltistan pic.twitter.com/TTTl3S9q0a
— ANI (@ANI) November 18, 2017
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि हम टैक्स नहीं चुकाएंगे. मैं कराची, क्वेटा, लाहौर और पाकिस्तान के अन्य इलाकों में रहने वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से अपील करता हूं कि वे तैयार रहें, हम अब इस्लामाबाद के लिए कूच करेंगे.
पीओके के कारोबारियों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार ने हमारे मूलभूत अधिकार, सब्सिडी या संवैधानिक अधिकारों को दिए बिना टैक्स बढ़ा दिया है. हमारे टैक्स से इकट्ठे किए गए पैसे से कभी भी हमारे इलाके का विकास नहीं किया गया. प्रदर्शन कर रहे कारोबारियों ने पाकिस्तान की सरकार से दो टूक कहा कि पाकिस्तान जब तक बढ़ा हुआ टैक्स वापस लेने का फैसला नहीं लेता, तब तक हम पूरी ताकत से प्रदर्शन करते रहेंगे.
Skardu: Businessmen in Gilgit Baltistan against illegal taxation say, we will carry on with the protests with same force and zeal until Pakistan withdraws notification of taxes. pic.twitter.com/eX1zCLJjAz
— ANI (@ANI) November 18, 2017
गिलगित-बाल्तिस्तान पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर का वो हिस्सा है, जिसे वो अपना 5वां राज्य बनाना चाहता है. गिलगित-बाल्तिस्तान को उस हिस्से से अलग रखा गया है, जिसे पाकिस्तान आज़ाद कश्मीर के झूठे नाम से बुलाता है. गिलगित-बाल्तिस्तान में हर तरीके से पाकिस्तान सालाना पांच हज़ार करोड़ रुपये का टैक्स वसूलता है. यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जिनका पूर्ण दोहन पाकिस्तान करता रहा है. इस इलाके को पाकिस्तान ने चीन को उसके व्यापार का आर्थिक गलियारा बनाने के लिए एक तरह से सौंप दिया है.