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'मिशन बांग्लादेश' पर ढाका पहुंचा शहबाज का खास जनरल, मोहम्मद यूनुस से की मुलाकात

पाकिस्तान ज्वॉइंट चीफ्स स्टाफ कमेटी के चेयरमैन साहिर शमशेद मिर्जा पाकिस्तानी सेना में आसिफ मुनीर के बाद नंबर दो के अधिकारी हैं. उन्हें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बेहद करीबी माना जाता है. माना जा रहा है कि मुनीर के बाद मिर्जा ही पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख बन सकते हैं.

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पाकिस्तान का बड़ा सैन्य अधिकारी बांग्लादेश पहुंचा (Photo: Social Media)
पाकिस्तान का बड़ा सैन्य अधिकारी बांग्लादेश पहुंचा (Photo: Social Media)

पाकिस्तानी सेना के एक बड़े अफसर इन दिनों बांग्लादेश के दौरे पर हैं. नाम है जनरल साहिर शमशाद मिर्जा. वह पाकिस्तान के ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन हैं. उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की.

वह छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 24 अक्टूबर को ढाका पहुंचे. उनका कहना है कि उनका दौरा मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, विशेष रूप से व्यापार, निवेश और रक्षा सहयोग पर केंद्रित है. यह यात्रा बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में तेजी से सुधार का हिस्सा है.

इस दौरान जरनल साहिर शमशाद मिर्जा ने ढाका के स्टेट गेस्ट हाउस जमुना में मुहम्मद यूनुस से शिष्टाचार मुलाकात की. कई रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इस दौरान मोहम्मद यूनुस ने जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को जो तस्वीर भेंट की है. वह दरअसल बांग्लादेश का नक्शा है, जिसमें बांग्लादेश की मौजूदा सीमाओं के अलावा भारत के असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों को भी बांग्लादेश का हिस्सा बताते हुए शामिल किया गया है. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.

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इससे पहले ढाका पहुंचने पर जनरल मिर्जा ने कहा था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश एक-दूसरे का समर्थन करते हैं. यह दौरा आर्थिक और रणनीतिक सहयोग बढ़ाने को लेकर है, विशेष रूप से बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता के बाद संबंधों को ई गति देने के लिए.

मिर्जा ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और जन-से-जन संबंधों को मजबूत करना उनके इसे दौरे का उद्देश्य है. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी फोकस है. कराची-चटगांव शिपिंग रूट पहले से चालू है, जबकि ढाका-कराची एयर रूट कुछ महीनों में शुरू होगा. इसके अलावा संयुक्त सैन्याभ्यास, हथियार सौदे और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा हुई. दक्षिण एशिया में शांति, मध्य पूर्व-यूरोप में तनाव कम करने और फेक न्यूज से निपटने पर वैश्विक सहयोग पर जोर रहा.

बता दें कि 1971 के युद्ध के बाद संबंध ठंडे पड़े थे, लेकिन 2024-2025 में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की बांग्लादेश की यात्राएं बढ़ी हैं. बांग्लादेश अब पाकिस्तान, तुर्की और चीन जैसे देशों से रक्षा सामग्री खरीदने की दिशा में बढ़ रहा है.

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