जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है. जिसके बाद अब पाकिस्तान ने भारत से राजनयिक संबंधों में कमी कर दी है. राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक के बाद पाकिस्तान ने फैसला करते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए हैं. वहीं अब पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करेगा. साथ ही कश्मीर मामले को यूएन में ले जाने की पाकिस्तान ने धमकी दी है. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत के राजदूत को निष्काषित कर दिया है.
इमरान खान की अगुआई में इस्लामाबाद स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में नेशनल सिक्योरिटी कमिटी की बैठक हुई. जिसमें आर्टिकल 370 को हटाए जाने के विरोध में प्रस्ताव पास किया गया. पाकिस्तान नेशनल सिक्योरिटी कमिटी ने इस बैठक में कुछ फैसले लिए.
इनमें भारत के साथ के साथ कूटनीतिक संबंधों को कम करना, द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को खत्म करना और द्विपक्षीय व्यवस्थाओं की समीक्षा करना शामिल है. पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक सरकार भारत में अपना उच्चायुक्त नहीं भेजने का फैसला कर सकती है, जिसे इस महीने चार्ज लेना था. इसके अलावा पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी पाकिस्तान छोड़ने को कहा जा सकता है."Pakistan expels Indian envoy, suspends trade over Kashmir: Pakistan govt," reports AFP News Agency pic.twitter.com/TcB0HI1yrb
— ANI (@ANI) August 7, 2019
Pakistan Sources: Government of Pakistan to not send its High Commissioner designate to India who was to take charge later this month. Pakistan may also ask Indian High Commissioner to Pakistan Ajay Bisaria to leave Pakistan pic.twitter.com/Ur0iJl5Xyl
— ANI (@ANI) August 7, 2019
इससे पहले मंगलवार को नेशनल असेम्बली के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा था, 'मैं पहले ही यह अनुमान लगा सकता हूं कि वे हमारे ऊपर फिर से वार करने का प्रयास करेंगे. वे फिर से हम पर हमला कर सकते हैं और हम फिर से जवाबी कार्रवाई करेंगे.' उन्होंने कहा, 'तब क्या होगा? वे हम पर हमला करेंगे और हम जवाब देंगे और युद्ध दोनों तरीके से हो सकता है. लेकिन अगर हम युद्ध लड़ेंगे तो अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे. तो वह युद्ध कौन जीतेगा? कोई भी नहीं जीतेगा.' उन्होंने कहा, 'इसका पूरी दुनिया के लिए दुखद परिणाम होगा. यह परमाणु ब्लैकमेल नहीं है.'