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'तुर्की अपनी कीमत बताए...',2,700 साल पुरानी इस चीज के लिए लड़ेंगे नेतन्याहू-एर्दोगन? छिड़ी जुबानी जंग

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन के बीच एक पुरानी चीज को लेकर तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है. नेतन्याहू चाहते हैं कि वो चीज इजरायल के पास आ जाए लेकिन एर्दोगन ने कह दिया है कि ऐसा कभी नहीं होगा कि तुर्की अपनी ऐतिहासिक चीज को वापस करे.

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नेतन्याहू और एर्दोगन के बीच हजारों साल पुराने अभिलेख को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है (File Photo: Reuters)
नेतन्याहू और एर्दोगन के बीच हजारों साल पुराने अभिलेख को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है (File Photo: Reuters)

कतर पर हमले के बाद ईरान ने चिंता जताई थी कि सऊदी अरब और तुर्की इजरायल का अगला टार्गेट हो सकते हैं. हथियारों से हमला तो नहीं लेकिन इजरायल ने तुर्की पर जुबानी जंग शुरू कर दी है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सरकार ने 1990 के दशक में तुर्की से एक पुराने अभिलेख (इंसक्रिप्शन) को हासिल करने की कोशिश की थी ताकि यरुशलम के यहूदी इतिहास को समर्थन मिल सके. नेतन्याहू ने कहा कि तब इस्तांबुल के मेयर रहे राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन की वजह से यह संभव नहीं हो सका था.

नेतन्याहू की इस बात पर एर्दोगन भड़क गए हैं और उन्होंने कहा है कि नेतन्याहू नफरत की आग में जलते रहेंगे.
 
इजरायली प्रधानमंत्री ने सोमवार को सिटी ऑफ डेविड में पुराने अभिलेख का जिक्र किया. यह क्षेत्र पूर्वी येरुशलम के फिलिस्तीनी इलाके सिलवान में स्थित ईसाइयों का पर्यटन स्थल है. इसे एलाद नामक यहूदी सेटलर संगठन चलाता है.

इजरायल दौरे पर तुर्की के तत्कालीन पीएम को बुलाया और...

नेतन्याहू ने बताया कि 1998 में उन्होंने उस समय के तुर्की के प्रधानमंत्री मेसुत यिलमाज को इजरायल दौरे पर बुलाया था. उसी दौरान उन्होंने उनसे सिलोआम इंसक्रिप्शन वापस करने का अनुरोध किया. यह अभिलेख 1880 में खोजा गया था और उस समय ओटोमन साम्राज्य ने उसे इस्तांबुल के पुरातत्व संग्रहालय में रख लिया था.

उस दौर में तुर्की और इजरायल के बीच सुरक्षा और कूटनीतिक संबंध बेहद मजबूत थे. नेतन्याहू के अनुसार, सिलोआम इंसक्रिप्शन यहूदी पुरातत्व के नजरिए से मृत सागर स्क्रॉल्स के बाद सबसे महत्वपूर्ण खोज है. इसमें लगभग 2,700 साल पहले यहूदा के राजा हिजकियाह के शासनकाल में येरुशलम के नीचे बनाए गए जल भंडारण के लिए सुरंग और तालाब का जिक्र है.

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नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने यिलमाज को प्रस्ताव दिया था कि इजरायल के संग्रहालय में मौजूद किसी भी ओटोमन कलाकृति को इस अभिलेख के बदले तुर्की को दिया जा सकता है. जब यिलमाज ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, तो नेतन्याहू ने कहा था, 'मैं ओटोमन साम्राज्य की सभी कलाकृतियां लौटा दूंगा या फिर तुर्की अपनी कीमत खुद बता दे.' 

तुर्की के तत्कालीन पीएम ने क्या दिया था जवाब?

सोमवार को नेतन्याहू ने उस बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, 'और यिलमाज ने मुझसे कहा कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू, इसकी कोई कीमत नहीं है. तब मैंने पूछा- क्यों? उन्होंने जवाब दिया- इस्तांबुल के मेयर ऐसा नहीं चाहते...उनके नेतृत्व में इस्लामिक गुट मजबूत हो रहा है और वो ऐसा कभी नहीं होने देंगे.'

नेतन्याहू ने आगे कहा, 'यिलयाज ने तब मुझसे कहा था कि आप उनका नाम जानते हैं. और तुर्की का इस्लामिक धड़ा जबरदस्त विरोध करेगा अगर हम इजरायल को ऐसा शिलालेख दे दें, जो यह साबित करता हो कि येरुशलम 2,700 साल पहले एक यहूदी शहर था.’

नेतन्याहू बोले- येरुशलम इजरायलियों का शहर

मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को होस्ट किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने विवादित पुरातात्विक पर्यटन स्थल 'पिलग्रिमेज रोड' का उद्घाटन किया. यह एक भूमिगत सुरंग है, जिसे येरुशलम के पुराने शहर के पास फिलिस्तीनी घरों के नीचे खुदाई कर बनाया गया है.

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इस कार्यक्रम में नेतन्याहू ने सीधे तौर पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन को संबोधित करते हुए कहा, 'जब हम यहां हैं तो यह हमारा शहर है, मिस्टर एर्दोगन. यह आपका शहर नहीं है, यह हमारा शहर है. यह हमेशा हमारा ही शहर रहेगा. इसे फिर कभी बांटा नहीं जाएगा.'

यह बयान नेतन्याहू ने एर्दोआन के उस प्रस्ताव के संदर्भ में दिया, जिसमें उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के समाधान के लिए दो-राष्ट्र सिद्धांत की वकालत की थी. इस प्रस्ताव के तहत पूर्वी येरुशलम को फिलिस्तीन की राजधानी बनाने की बात कही जाती है.

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने किया पलटवार

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की बातों से तुर्की बेहद नाराज हुआ है. बुधवार को अंकारा में एक प्रोग्राम के दौरान राष्ट्रपति एर्दोगन ने नेतन्याहू की बातों का जवाब दिया.

उन्होंने कहा, 'तुर्की ने सदियों तक इस्लाम का झंडा ऊंचा रखा है और हमें चार सौ सालों तक पवित्र येरुशलम की सेवा करने का सम्मान प्राप्त हुआ है. नेतन्याहू ये बात नहीं जानते. आज मैं यहां से यह बात जोर से कह रहा हूं, शायद अब उन्हें सुनाई दे. हमने बुद्धिमानी और सहिष्णुता के साथ इस शहर को शांति और सुकून की धरती बनाया है.'

उन्होंने 27 साल पुराने उस समय की याद दिलाई जब वे इस्तांबुल के मेयर थे और कहा, 'शायद वो कभी नहीं भूलेंगे कि हमने उस समय कैसे उन्हें जवाब दिया था. उन्हें अपनी नफरत की आग में जलने दें.'

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तुर्की ने साफ किया है कि ऐतिहासिक अभिलेखागार तुर्की की खोज है और एक अमूल्य संपत्ति है जिसे किसी भी कीमत पर किसी अन्य देश को दिया नहीं जा सकता. 

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