नेपाल सरकार ने भारत से कहा है कि वह विराटनगर शहर में स्थित अपने ‘फील्ड आफिस’ (दफ्तर) को तत्काल बंद कर दे. इसे साल 2008 में बिहार में तबाही मचाने वाली कोशी नदी की बाढ़ के बाद खोला गया था.
भारतीय दूतावास ने कहा है कि वह इस मामले पर नेपाल सरकार के साथ बातचीत करेगा. खबरों के अनुसार उच्च स्तर के सरकारी सूत्रों ने बताया कि नेपाली विदेश मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय दूतावास को इस संदर्भ में पत्र लिखा है. उसने भारत से इस दफ्तर को तत्काल बंद करने के लिए कहा है.
मंत्रालय ने कहा कि उस समय सुविधाओं के लिए खोले गए दफ्तर की अब कोई जरूरत नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि जनवरी, 2011 में पत्र भेजा गया था, लेकिन भारत सरकार का कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद फिर से लिखा गया.
नेपाली विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने भारतीय दूतावास से स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह अपना दफ्तर तत्काल बंद करे क्योंकि अब इसकी जरूरत नहीं है.’
नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने इसकी पुष्टि की है कि भारतीय दूतावास को पत्र लिखा गया है. भारतीय दूतावास के प्रवक्ता अभय कुमार ने कहा, ‘हम इन सभी मुद्दों पर नेपाल सरकार के साथ चर्चा करेंगे. इनमें मुंबई और विशाखापट्टनम में वाणिज्य दूतावास खोलने के नेपाल के प्रस्ताव का मुद्दा भी शामिल है.’
भारतीय दूतावास ने कोशी बैराज के निकट 18 अगस्त, 2008 को दफ्तर खोला था. यह फैसला कोशी नदी की भयावह बाढ़ के कारण पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर किया गया था। बाढ़ में नेपाल और बिहार के लाखों लोग बेघर हो गए थे.