भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ट्विटर के नए सीईओ बन गए हैं. इसके साथ ही कई टॉप अमेरिकन टेक कंपनियों में भारतीय मूल के लोगों का दबदबा साफ तौर पर दिखने लगा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जिन अमेरिकी टेक कंपनियों को संभाल रहे हैं, उनकी मार्केट वैल्यू 5 ट्रिलियन (5 लाख करोड़) है. इस रिपोर्ट के सामने आते ही पाकिस्तान से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई पाकिस्तानी भारतीयों की उपलब्धियों की तुलना कर रहे हैं.
दरअसल, उमर सैफ नाम के शख्स ने स्ट्राइप के सीईओ पैट्रिक का एक ट्वीट शेयर किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, आईबीएम, पालो एल्टो नेटवर्क और अब ट्विटर के सीईओ वो लोग हैं जो भारत में पैदा हुए हैं. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारतीयों की शानदार सफलता देखकर काफी खुशी है. इससे ये भी साफ होता है कि अमेरिका इमीग्रेंट्स को कितने मौके प्रदान करता है. इसी ट्वीट को लेकर दुनिया के सबसे अमीर शख्स में शुमार इलॉन मस्क ने भी भारतीयों की तारीफ की थी.
पाकिस्तान के उमर ने इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा- डियर पाकिस्तान, शायद ये वो बेहतर जगह है जहां आपको भारत के साथ मुकाबला करने की कोशिश करनी चाहिए.
इसके अलावा भी कुछ ट्वीट्स ऐसे थे जिनमें भारत के टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दबदबे को पाकिस्तान के साथ तुलना की जा रही थी. उमर शरीफ ने ही अपने एक और ट्वीट में कहा कि मैं अब इस बात की शर्त लगाने को तैयार हूं कि फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की जगह कब कोई भारतीय लेने वाला है.
Now taking bets on when Mark Zuckerberg will be replaced by an Indian CEO .....
— Umar Saif (@umarsaif) November 30, 2021
वहीं, पाकिस्तान के एक और शख्स ने ट्वीट करते हुए सत्या नडेला और सुंदर पिचाई की तस्वीर लगाई है. वहीं, पाकिस्तान के लिए हाफिद सईद जैसे आतंकियों की तस्वीर लगाकर ये साफ करने की कोशिश की है कि भारत और पाकिस्तान दुनिया में कैसे अपना योगदान दे रहे हैं.
انڈیا بمقابلہ پاکستان
— Mubashir | مبشر (@mkw72) November 30, 2021
اے ایچ 😂 pic.twitter.com/IogVpyZrb5
उमर शरीफ ने इसके अलावा एक और ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तान में भी आईआईटी जैसी यूनिवर्सटी है लेकिन ये विश्वविद्यालय गंदी राजनीति का शिकार है. उन्होंने इस ट्वीट में लिखा कि शीर्ष टेक कंपनियों में भारतीय मूल के सीईओ के दबदबे को लेकर मेरे ट्वीट के जवाब को लेकर कई लोगों ने पूछा कि पाकिस्तान में IIT जैसी पब्लिक टेक यूनिवर्सिटी क्यों नहीं है? असल में हमारे पास है. लेकिन इस पर गंदी राजनीति हावी हो गई है. वहीं, एक और पाकिस्तानी ने ही कहा कि कृपया आप पाकिस्तान की आईटीयू की आईआईटी के साथ तुलना कर मजाक ना करें.
इसके अलावा, ताल्हा शूजा नाम के यूजर ने लिखा कि मुझे समझ नहीं आता कि आखिर लोग पाकिस्तान में इस्लाम और इस्लामिक स्कॉलर्स पर क्यों इल्जाम लगा रहे हैं जब हम एक देश के तौर पर ही प्रोग्रेस नहीं कर रहे हैं. जो लोग ऐसे पोस्ट कर रहे हैं वे तो इस्लामिक स्कॉलर्स भी नहीं हैं लेकिन फिर भी वे अपनी जिंदगी में कुछ भी हासिल कर पाए हैं.
सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भूटान में भी भारतीयों के टेक्नोलॉजी में दबदबे को लेकर चर्चे हो रहे हैं. द भूटानीज न्यूजपेपर के एडिटर तेनजिंग ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रमुख टेक और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रमुख भारतीय सीईओ की लंबी कतार में अब पराग अग्रवाल का नाम भी जुड़ गया है. विभिन्न पृष्ठभूमि, संस्कृतियों और धर्मों के लोगों को प्रबंधित करने का यह कौशल भारत की विविधता से उपजा है.
No major surprise that #ParagAgrawal is the next Twitter CEO in a long line of Indian CEOs heading major tech and MNC Companies.
— Tenzing Lamsang (@TenzingLamsang) November 30, 2021
This skill at managing people from different backgrounds, cultures and faiths stems from the diversity of India.
गौरतलब है कि ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल के अलावा भी कई अमेरिकी टेक कंपनियों को भारतीय मूल के लोग ही संभाल रहे हैं. ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल के अलावा गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, एडोब, वीएमवेयर, विमियो, गूगल क्वाउड, नेटएप और पालो एल्टो नेटवर्क्स के सीईओ भी भारतीय मूल के लोग ही हैं.