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सदी के अंत तक हम चीन से 52 करोड़ ज्यादा होंगे

अगले 15 साल में इंडिया की पॉपुलेशन चीन से ज्यादा हो जाएगी. इतना ही नहीं इंडिया का सेक्स रेश्यो भी तब तक सबसे खराब हो जाएगा. ये आकलन है यूनाइटेड नेशंस की गुरुवार को जारी हुई पॉपुलेशन रिपोर्ट का.इसके मुताबिक साल 2028 में दोनों देशों की जनसंख्या 1 अरब 45 करोड़ के मार्क पर होगी.

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पॉपुलेशन
पॉपुलेशन

अगले 15 साल में इंडिया की पॉपुलेशन चीन से ज्यादा हो जाएगी. इतना ही नहीं इंडिया का सेक्स रेश्यो भी तब तक सबसे खराब हो जाएगा. ये आकलन है यूनाइटेड नेशंस की गुरुवार को जारी हुई पॉपुलेशन रिपोर्ट का. इसके मुताबिक साल 2028 में दोनों देशों की जनसंख्या 1 अरब 45 करोड़ के मार्क पर होगी. चूंकि चीन पिछले कई दशकों से जनसंख्या नियंत्रण की सख्त और सफल कोशिशें कर रहा है, इसलिए इस साल भारत चीन से आगे निकल जाएगा. चीन में जनसंख्या में कमी 2025 में ही शुरू हो जाएगी और तीन सालों में यह इंडिया की उस वक्त की जनसंख्या से कम हो जाएगी.

रिपोर्ट के मुताबिक अगर भारत में प्रजनन दर देखी जाए, तो साल 2050 तक देश की जनसंख्या में बढ़ोतरी ही होगी. इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू होगी. इस शताब्दी के अंत तक यानी साल 2100 में भारत की जनसंख्या 1 अरब 54 करोड़ के लगभग होगी. उस समय चीन की जनसंख्या घटकर 1 अरब 1 करोड़ हो चुकी होगी. यानी अगली सदी की शुरुआत में हम उनसे पचास करोड़ से भी ज्यादा होंगे गिनती में.

सबसे तेज बढ़ रही नाइजीरिया की आबादी

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा तेजी से अफ्रीकी देश नाइजीरिया की जनसंख्या बढ़ रही है. अनुमान है कि 2050 तक इसकी जनसंख्या अमेरिका से भी ज्यादा हो जाएगी. अमेरिका की उस वक्त 40 करोड़ जनसंख्या होगी, जबकि नाइजीरिया की 44 करोड़. उसके बाद यह देश भारत और चीन को चुनौती देने लगेगा. 2100 तक नाइजीरिया 1 अरब के आंकड़े के बेहद करीब होगा. तब इसकी जनसंख्या 91 करोड़ 40 लाख तक होने का अनुमान है.

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अविकसित देशों में हर महिला के पांच बच्चे

रिपोर्ट के मुताबिक प्रजनन दर का आंकड़ा देखें, तो यूएन की लिस्ट में जो देश सबसे पिछड़े हैं, वहां प्रत्येक महिला पर औसतन पांच बच्चे होते हैं. इसमें तीन अफ्रीकी देशों के अलावा अफगानिस्तान और ईस्ट तिमोर भी शामिल हैं. प्रत्येक महिला पर बच्चों की औसत दर भारत, चीन, इंडोनेशिया और ब्राजील समेत कई देशों में घटी है.

लगातार बढ़ रही है इंसान की औसत उम्र

अगर औसत आयु की बात करें, तो 1950 के दशक में यह महज 47 साल थी. पचास साल बाद 2000 के दशक में यह बढ़कर 69 साल हो गई और अगले पचास साल में यानी 2050 तक यह बढ़कर 76 साल हो जाएगी.सदी के अंत तक यानी 2100 में यह 82 साल हो जाएगी.

और क्या है रिपोर्ट में

- 2025 तक दुनिया की जनसंख्या 7 अरब 20 करोड़ से बढ़कर 8 अरब 10 करोड़ हो जाएगी.

- सबसे ज्यादा जनसंख्या वृद्धि विकासशील देशों में होगी. इसमें से आधे देश तो अफ्रीका महाद्वीप के होंगे.

- 2050 तक दुनिया की जनसंख्या बढ़कर 9 अरब 60 करोड़ हो जाएगी.

- 1960 से 2000 के बीच दुनिया की जनसंख्या दोगुनी हो गई. इस दौरान खाद्यान्न उत्पादन दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा.

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