इजरायल पर ईरान के 300 मिसाइल दागने के बाद अब दुनियाभर के देशों को यह चिंता सता रही है कि इसके जवाब में इजरायल कौन सा बड़ा कदम उठाएगा और जब इजरायल अपने दुश्मन देश ईरान पर हमला करेगा तो कौन-कौन से देश खुलकर इजरायल का समर्थन करेंगे. इन आशंकाओं के बीच अब ईरान के परमाणु ठिकाने पर हमले की आशंका जताई जा रही है.
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रॉसी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,'हमें हमेशा इस बात की चिंता रहती है. ईरान में हमारे निरीक्षकों को एक दिन पहले ईरानी सरकार ने बताया कि हम उन परमाणु ठिकानों का निरीक्षण नहीं कर सकते, जिनकी जांच हम रोजाना करते हैं. ईरान ने हमसे कहा कि सुरक्षा कारणों से साइट को बंद रखा गया है.'
ईरान ने IAEA को निरीक्षण से रोका
राफेल ग्रॉसी ने आगे बताया,'ईरान की साइट्स आज निरीक्षण के लिए फिर खोली जाएंगी. उन्होंने कहा कि मैंने जांच करने वाले इंस्पेक्टर्स को वहीं रुकने के लिए कहा है. मैंने उनसे कहा है कि वह तब तक वापस न आएं जब तक यह न पुख्ता कर लिया जाए कि स्थिति पूरी तरह से शांत हो गई है. हालांकि, हम यह कह सकते हैं कि इस जंग से हमारी निरीक्षण गतिविधि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन निःसंदेह हम हमेशा अत्यधिक संयम बरतने का आह्वान करते हैं.'
ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलें
बता दें कि ईरान ने 13 अप्रैल की आधीरात को इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए थे. ईरान ने इजरायल पर 300 से ज्यादा अलग-अलग तरह के ड्रोन हमले किए थे, जिनमें किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलें शामिल थी. इस हमले के तुरंत बाद इजरायली सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया था.
इजराली सेना IDF के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने बताया था कि ईरान ने इजरायल पर सीधे हमला किया. इजरायल ने एरो एरियल डिफेंस सिस्टम के जरिए इन अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया. कहा गया कि इजरायल ने ईरान के 99 फीसदी हवाई हमलों को विफल कर दिया था.
ईरान ने क्यों किया था हमला?
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था. इस हमले में ईरान ने अपने एक टॉप कमांडर सहित कई सैन्य अधिकारियों की मौत का दावा किया गया था. ईरान ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. यही वजह है कि उसने बदला लेने के लिए इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए और इस कार्रवाई को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस का नाम दिया था.
ईरान का कहना है कि उसने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' इसलिए कोडनेम दिया है ताकि वो अपने दोस्तों और दुश्मनों को बता सके कि वो जो भी कहता है उस पर अमल करता है. वो सच्चा वादा करना जानता है. जो वादा करता है उसे निभाता है.