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G7 ने खुलकर किया इजरायल का समर्थन, कहा- ईरान के पास किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार न हो

G7 ने संयुक्त बयान जारी कर इजरायल का खुला समर्थन किया है और कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकारी है. साथ ही जी7 नेताओं ने ईरान को नसीहत देते हुए कहा कि वह किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं रख सकता. हम इस बारे में पहले भी कई बार अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं.

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इजरायल के सपोर्ट में आया जी7.
इजरायल के सपोर्ट में आया जी7.

ईरान और इजरायल के बीच पिछले पांच दिन से संघर्ष जारी है. दोनों एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले कर रहे हैं. इसी बीच G7 नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर इजरायल का खुलकर समर्थन किया तो ईरान को नसीहत दी है. जी7 नेताओं का कहना है कि ईरान किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं रख सकता.

जी7 के नेताओं ने सोमवार को एक ड्राफ्ट मसौदा जारी किया, जिसमें सभी नेताओं ने इजरायल का खुलकर सपोर्ट किया है. जी7 नेताओं ने जोर देकर कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करना पूरा हक है और वह इजरायल की सुरक्षा के लिए समर्थन बनाए रखेंगे.

बयान में ये भी कहा गया है कि ईरान मिडिल ईस्ट में अस्थिरता प्रमुख कारण है और वह किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं रख सकता. हम इस बारे में पहले भी कई बार अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं.

जी7 नेताओं ने ईरान से अपील की है कि वह ईरान में संघर्ष का समाधान मिडिल ईस्ट में व्यापक तनाव कम करें, जिसमें गाजा में सीजफायर भी शामिल है. उन्होंने इंटरनेशनल एनर्जी बाजारों पर पड़ने वाले प्रभावों के प्रति सतर्क रहने की बात कही और बाजार स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ समन्वय करने की तत्परता जताई.

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सीजफायर का समर्थन करेगा फ्रांस: मैक्रो

वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर बयान देते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बातचीत जारी रखने की बात कही है जो एक सकारात्मक कदम है. मैक्रों ने कहा कि अगर अमेरिका संघर्षविराम सुनिश्चित कर पाता है तो यह बहुत अच्छी बात होगी और फ्रांस इसका पूरा समर्थन करेगा.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, अगर संयुक्त राज्य अमेरिका सीजफायर सुनिश्चित कर सकता है तो यह बहुत अच्छी बात है. फ्रांस इसका समर्थन करेगा. यह बिल्कुल जरूरी है कि दोनों पक्षों की ओर से ऊर्जा, प्रशासनिक और सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ और सबसे जरूरी नागरिकों के खिलाफ सभी प्रकार के हमले बंद करें. इसका कोई औचित्य नहीं है और ये पूरी तरह से अस्वीकार्य है. 

उन्होंने ये भी कहा कि एक बार सीजफायर हो जाने तो मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणाएं पूरी तरह से सकारात्मक हैं और अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.

ट्रंप ने दी चेतावनी

वहीं, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को तेहरान से नागरिकों को तुरंत निकलने की चेतावनी दी थी और ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था. हालांकि, ट्रंप ने जी7 के इस मसौदा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जिससे जी7 नेताओं के अंदर मतभेद पैदा हो गए.

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आपको बता दें कि ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष 13 जून से शुरू हुआ, जब इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान की राजधानी तेहरान समेत नतांज और फोर्डो जैसे सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने 13 जून की आधी रात को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और अन्य शहरों पर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इस हमले में इजरायल में एक व्यक्ति की मौत और कई लोग घायल हुए, जबकि ईरान में सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों समेत कई लोगों के मारे जाने की खबर है.

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