फ्रांस के तीन मुस्लिम नाबालिग लड़कों ने बेल्जियम स्थित इजरायली दूतावास पर हमले की खतरनाक साजिश की लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया. तीनों लड़कों के खिलाफ मंगलवार को आपराधिक मुकदमे की शुरुआत हुई. उन्होंने दूतावास के एंट्री गेट पर टीएटीपी (TATP) विस्फोटक से भरी गाड़ी को उड़ाने की प्लानिंग की थी. प्लान के तहत, इसके बाद वो असॉल्ट राइफल और अन्य हथियार लेकर दूतावास की बिल्डिंग में घुसने वाले थे.
फ्रांस की मैगजीन Le Point की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों लड़कों की प्लानिंग में पहले दूतावास के एंट्री गेट पर ब्लास्ट करना और फिर अंदर जाकर गोलीबारी करना शामिल था.
इन तीनों नाबालिगों को हमले की प्लानिंग के लिए अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के समय उनकी उम्र 14 से 16 साल के बीच थी. इनमें से एक फ्रांस में जन्मा फ्रेंच-अल्जीरियाई है, जबकि बाकी दो का जन्म रूस के चेचन्या में हुआ था और वो कम उम्र में फ्रांस आ गए थे.
तीनों का मुकदमा पेरिस की किशोर अदालत में बंद कमरे में चल रहा है और इसके शुक्रवार तक खत्म होने की उम्मीद है. इन किशोरों पर 'आतंकी हमले की तैयारी के इरादे से आपराधिक साजिश' का आरोप लगाया गया है.
Ici Touraine और La Nouvelle Republique की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों को इन तीनों के बारे में तब जानकारी मिली जब उनमें से एक लड़के ने अपने क्लासमेट्स के सामने 'आतंकवाद से जुड़े हिंसक इस्लामिक गीत' गाना शुरू कर दिया. इससे उसका संदिग्ध व्यवहार सामने आया और जांच शुरू हुई.
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि तीनों लड़कों के फोन में टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स के जरिए कई जिहादी नेटवर्क से जुड़े लिंक मौजूद थे.
जांच में यह भी सामने आया कि ये तीनों लड़के सोशल मीडिया पर काफी समय बिताते थे, जहां वे सिर कलम करने और अन्य हिंसक घटनाओं के भयानक वीडियो देखते थे.
समूह का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा किशोर 2022 में टिकटॉक पर रूस के दागेस्तान क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े कट्टरपंथियों के संपर्क में आया था और वहीं से उसकी सोच कट्टरपंथी हुई थी. हालांकि, बाकी दोनों नाबालिगों के भी नॉर्थ कॉकसस क्षेत्र के इस्लामिक नेटवर्क से संबंध पाए गए.
लड़कों ने यह भी कबूल किया कि वे आपस में गला रेतने, सिर कलम करने और पेरिस के बाटाक्लां हमलों से जुड़े वीडियो साझा करते थे. वो इस बारे में बात करते थे कि यहूदियों, रूसियों और पुलिसकर्मियों को कैसे मारा जाए.
Le Point की रिपोर्ट के अनुसार, इन लड़कों ने हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एल्युमिनियम का इस्तेमाल करके घर पर ही बम बना लिए और उसकी टेस्टिंग भी की. इसमें से एक लड़के की बहन ने उसे बम बनाने का तरीका बताया था. इसी साल की शुरुआत में अदालत ने लड़की को इस मामले में पांच साल की सजा सुनाई.
बम की टेस्टिंग करने के कुछ दिनों बाद, एक लड़के ने अपना चेहरा लाल और सफेद फिलिस्तीनी केफिया से ढककर एक वीडियो बनाया.
इसमें उसने कहा, 'सुन लो पश्चिमी देशों, हम तुम्हें अल्लाह के नाम पर चेतावनी देते हैं... हम तुम्हारे घर वापस आ रहे हैं ताकि तुम्हें मार सकें, जैसे तुमने हमारे सीरिया की महिलाओं और बच्चों को मारा. अल्लाहु अकबर.'
तीनों किशोर लड़कों को इस मामले में अधिकतम पांच साल की कैद की सजा हो सकती है.