गाजा के रफाह में एक बार फिर से इजरायली गोलीबारी में कम से कम 14 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जबकि करीब 90 लोग घायल हुए हैं. ये गोलीबारी तब की गई जब लोग खाने के लिए लाइन में लगे थे. भोजन वितरण का काम इजरायल और अमेरिका समर्थित संगठन की तरफ से किया जा रहा था. इसी बीच इस हमले के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गया.
गाजा में कई घरों में मातम पसरा है. अस्पतालों में शवों के ढेर लगे हुए हैं. कई ऐसे हैं जो अस्पताल में ज़िंदगी की जंग लग रहे हैं. इजरायली सेना ने खाने के लिए लाइन में लगे फिलिस्तीनियों को गोलियों से भून डाला. उनका कसूर इतना था कि भुखमरी झेल रहे ये लोग खाने के लिए रफाह में भोजन वितरण केंद्र पर पहुंचे थे. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों के मौत की पुष्टि की है.
उत्तरी गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनी और गोली लगने से पीड़ित मोहम्मद कबागा ने कहा, "हम सहायता लेने गए थे. उन्होंने लाइन में खड़े होने को कहा था. हम लाइन में खड़े हो गए. लेकिन अचानक उन्होंने हम पर गोलियां चलानी शुरू कर दी. जब मैं खड़ा था, तो मुझे आश्चर्य हुआ. एक गोली मुझे लगी. मुझे चक्कर आ गया और मैं गिर पड़ा. इस घटना में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं."
इससे पहले 1 जून को भी कुछ ऐसा ही हुआ था. जब रफाह में हजारों की भीड़ खाना पाने के लिए इकट्ठा हुई थी. तभी उनपर कुछ नकाबपोश लोगों ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें 31 फिलिस्तीनी मारे गए थे. कई लोग घायल हुए थे. चश्मदीदों ने बताया था कि ये गोलीबारी भी इजरायली सेना के लोगों ने की थी. उस दिन भी खाना बांटने का काम इजरायल और अमेरिका समर्थित संगठन ही कर रहा था.
इजरायल सेना ने खुद स्वीकारा था कि गोलीबारी हुई है. इसमें कई लोग मारे गए हैं. वहीं दूसरी तरफ इस घटना की संयुक्त राष्ट्र समेत पूरी दुनिया में आलोचना हुई थी. लेकिन एक बार फिर से इस घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है. जबसे ये भोजन वितरण का नया सिस्टम लागू हुआ है तब से अबतक कम से कम 127 लोग मारे जा चुके हैं. इन हमलों में अब तक सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
गाजा में हर दिन इजरायली हमले हो रहे हैं, जिसमें दर्जनों लोग मारे जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव भी इजरायल पर असर नहीं हो रहा है. सीजफायर के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि, अमेरिका और कतर सहित कई देश इस दिशा में कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनके सफलता नहीं मिल पा रही है. इजरायल अपनी शर्तों पर सीजफायर करना चाहता है, जो कि हमास को मंजूर नहीं है.
इससे पहले गाजा के खान यूनिस के यूरोपीय अस्पताल के नीचे एक सुरंग में इजरायली सेना ने कुछ विदेशी पत्रकारों के साथ पहुंची थी. वहां से दो शव बरामद किए गए थे. इजरायली सेना का दावा था कि ये शव हमास प्रमुख मोहम्मद सिनवार और राफाह ब्रिगेड का प्रमुख मोहम्मद शबानेह का है. यही नहीं तलाशी के दौरान इजरायली सेना को हथियारों का भंडार, गोला बारूद, नकदी और कई दस्तावेज मिले थे.
आईडीएफ प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन के मुताबिक हमास अस्पताल के नीचे इस सुरंग को कमांड-एंड-कंट्रोल परिसर के रूप में इस्तेमाल करते थे. उन्होंने कहा, "हमें अस्पताल के नीचे, आपातकालीन कक्ष के ठीक नीचे, कुछ कमरों का एक परिसर मिला. उनमें से एक में मोहम्मद सिनवार का शव मिला, जो कि याह्या सिनवार का भाई था, जो इस आतंकवादी संगठन हमास का पूर्व नेता था.''
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले महीने ही सिनवार की मौत की घोषणा की थी, लेकिन आईडीएफ प्रवक्ता डेफ्रिन ने कहा कि उनके पास सिनवार का डीएनए है जिससे ये साबित हो गया है कि ये वही है. वहीं हमास ने सिनवार और शबानेह की मौत की खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. मोहम्मद सिनवार पूर्व हमास चीफ याह्या सिनवार का छोटा भाई था. उसको भी इजरायली हमलों में मार डाला गया था.