पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत लगातार अस्थिर रहा है जहां बलोच विद्रोहियों ने सेना की नींद उड़ा रखी है. खुफिया एजेंसियों की तरफ से जारी आंकड़े के मुताबिक, जनवरी और जून 2025 के बीच, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बलूचिस्तान में कुल 284 हमले किए. इन ऑपरेशनों में 121 विस्फोट और नौ स्पेशल ऑपरेशन समेत अलग-अलग तरह की रणनीतियां शामिल थीं, जिनमें से तीन फिदायीन स्टाइल के आत्मघाती मिशन थे.
आंकड़ों के अनुसार, BLA ने 58 दुश्मन एजेंटों को न्यूट्रल किया, 290 सैनिकों को गिरफ्तार किया और 668 से अधिक सैनिकों को मारने के साथ पाकिस्तान के सैन्य बलों को भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया है.
बीएलए के हमलों में इंफ्रास्ट्रक्चर को भी निशाना बनाया गया, 131 गाड़ियों को उड़ा दिया गया और एक ट्रेन (जाफर एक्सप्रेस) को हाइजैक कर लिया गया. बीएलए ने पाकिस्तानी सेना के 17 सैन्य ठिकानों को भी नुकसान पहुंचाया. इसके अलावा, बीएलए बलों ने बड़े गोला-बारूद भंडार के साथ 115 से अधिक हथियारों के जखीरे पर कब्जा कर लिया.
यह दिखाता है कि बीएलए क्षेत्र पर पाकिस्तानी सरकार के नियंत्रण को कमजोर करने की भरपूर कोशिश कर रहा हैं और यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि क्षेत्र पर उसकी पकड़ ज्यादा है.
बलूचिस्तान में मजबूत हुई बलूच आर्मी
2025 की पहली छमाही में बलूच लिबरेशन आर्मी के ऑपरेशन्स से उन्हें बड़ी क्षेत्रीय कामयाबी हाथ लगी है जिसमें कम से कम 45 अहम जगहों को पाकिस्तानी नियंत्रण से छिन लिया गया है. क्षेत्र में बीएलए की स्ट्रैटजी बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार की पकड़ को कमजोर करने की रही है जिसमें वो सप्लाई लाइन्स, कम्यूनिकेशन और सैन्य रसद की सप्लाई में रुकावट डालते हैं.
बीएलए ने क्षेत्र में 17 सैन्य ठिकानों को बर्बाद किया है और बड़े पैमाने पर हथियारों के भंडार को जब्त किया है जिससे उन्हें क्षेत्र में पैर जमाने में मदद मिली है. बीएलए के अत्यधिक आक्रामक हमलों से क्षेत्र में पाकिस्तानी सरकार की क्षमता पर खासा प्रभाव पड़ा है.
2025 के पहले सेमेस्टर के दौरान बलूच लिबरेशन आर्मी का ऑपरेशन एक सुव्यवस्थित विद्रोह का उदाहरण है जिसने पाकिस्तानी सेना को सामरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के झटके दिए हैं. इस दौरान पाकिस्तानी सेना के 668 लोग मारे गए जबकि 36 बीएलए के लोग और सात फिदायीन ने अपनी जान गंवाई.
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बीएलए के प्रभावशाली कार्रवाइयों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरफ के पर्यवेक्षकों को संकेत दिया है कि बलूचिस्तान एक अस्थिर सुरक्षा मोर्चा बना हुआ है जहां सरकार को लगातार चुनौती दी जाती है.
इस बीच पाकिस्तान यह छिपाने की भरपूर कोशिश करता रहा है कि बीएलए के ऑपरेशन्स में उसके कितने सैनिक मारे गए. जाफर एक्सप्रेस हमले और बीएलए के अन्य ऑपरेशन्स ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है. इस साल की शुरुआत में बीएलए ने नई युद्ध रणनीति के साथ कई बलोच लड़ाकू समूहों को अपने साथ जोड़कर खुद को और मजबूत बनाने की घोषणा की थी.