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एस जयशंकर ने ढाका में खालिदा जिया के बेटे से की मुलाकात, सौंपा PM मोदी का शोक पत्र

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार दोपहर ढाका में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात की. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत शोक संदेश सौंपा और भारत सरकार की ओर से गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं.

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर खालिदा जिया को श्रृद्धांजलि देने ढाका पहुंचे. (Photo: X@DrSJaishankar)
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर खालिदा जिया को श्रृद्धांजलि देने ढाका पहुंचे. (Photo: X@DrSJaishankar)

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को बांग्लादेश की तीन बार प्रधानमंत्री रहीं खालिदा जिया के जनाजे में शामिल होने के लिए ढाका पहुंचे. वहां उन्होंने खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात करके उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शोक पत्र सौंपा. 

खालिदा जिया का मंगलवार सुबह 6:00 बजे ढाका के एवरकेयर अस्पताल में 80 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. 

विदेश मंत्री ने भारत सरकार और देश के लोगों की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए जिया के लोकतंत्र में योगदान को याद किया. यह मुलाकात ढाका के जातीय संसद भवन में बुधवार दोपहर करीब 1:30 बजे हुई.

पीएम मोदी का व्यक्तिगत संदेश

एस जयशंकर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस मुलाकात की जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि ढाका पहुंचने पर उन्होंने तारिक रहमान से मुलाकात की और उन्हें पीएम मोदी द्वारा लिखा गया एक व्यक्तिगत पत्र सौंपा. जयशंकर ने विश्वास जताया कि बेगम खालिदा जिया के नजरिए और मूल्य भारत-बांग्लादेश की साझेदारी के विकास का मार्गदर्शन करेंगे. भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्ला ने भी इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए भारत की संवेदनाओं की सराहना की.

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यह भी पढ़ें: बांग्लादेश का शरिया-शिफ्ट... खालिदा जिया के बाद BNP वाली सियासत 'सुपुर्द-ए-जमात'

लोकतंत्र में योगदान का सम्मान

खालिदा जिया का निधन फज्र की नमाज के कुछ देर बाद हुआ था, जिसके बाद से बांग्लादेश में शोक की लहर है. भारतीय विदेश मंत्री की इस यात्रा का मकसद भारत की ओर से पड़ोसी देश के दुख में सहभागी बनना और पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान व्यक्त करना है. आधिकारिक मैसेज में इस बात पर जोर दिया गया कि बांग्लादेश की राजनीति और लोकतंत्र में खालिदा जिया का योगदान हमेशा याद किया जाएगा. जिया के निधन को बांग्लादेश के लिए एक युग का दौर माना जा रहा है.

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