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बांग्लादेश: क्रांति करने वाले छात्रों का साथ छोड़ गया 'गुरु', कहा- 1971 के दोषी जमात से गठबंधन कैसे?

बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाली पार्टी नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) से छात्रों के धड़ाधड़ इस्तीफे हो रहे हैं. चुनाव की घोषणा होते ही सत्ता के लिए ललचाये छात्र नेता ऐसे ऐसे गठबंधन कर रहे हैं जो क्रांति की भावना से मेल नहीं खाती है, इसलिए कई सीनियर नेता इस्तीफा दे रहे हैं.

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ढाका में तैनात बांग्लादेश आर्मी की टुकड़ी (Photo: AP)
ढाका में तैनात बांग्लादेश आर्मी की टुकड़ी (Photo: AP)

बांग्लादेश में हुई कथित क्रांति का बुलबुला अब फटने लगा है. इस क्रांति को लीड करने वाले छात्रों के संगठन नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP)से चुनाव से ऐन पहले धड़ाधड़ इस्तीफे हो रहे हैं. ऐसा ही एक नाम है महफूज आलम. जुलाई आंदोलन के गुरु कहे जाने वाले मुख्य नेता महफूज आलम ने रविवार को अपने चेलों से दूरी बना ली. महफूज आलम एनसीपी और जमात-ए-इस्लामी के बीच चुनावी गठबंधन का विरोध कर रहे थे. बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव होने वाले हैं.

लेकिन NCP संयोजक नाहिद इस्लाम जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन के लिए आतुर थे. 

एक फेसबुक पोस्ट में आलम ने 'इस NCP का हिस्सा बनने' से इनकार कर दिया. इसके बाद इसके 30 सीनियर नेताओं ने एक मेमोरेंडम पर साइन करके इस कदम के खिलाफ अपना रुख जताया और दो बड़े नेताओं ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया.

महफूज आलम ने लिखा, "मौजूदा हालात में जुलाई के मेरे साथियों के लिए मेरा सम्मान, स्नेह और दोस्ती खत्म नहीं होगी. लेकिन मैं इस NCP का हिस्सा नहीं बन रहा हूं."

उन्होंने कहा, "यह सच नहीं है कि मुझे जमात-NCP गठबंधन से कोई प्रस्ताव मिला था, लेकिन मेरे लिए किसी भी ढाका निर्वाचन क्षेत्र से जमात-NCP गठबंधन (उम्मीदवार) बनने से ज़्यादा जरूरी मेरी पुरानी स्थिति बनाए रखना है."

महफूज आलम का शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश के प्रशासक मोहम्मद यूनुस ने पिछले साल अमेरिका में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से आलम को मिलवाया था, और उन्हें साफ तौर पर जुलाई 2024 में हुई 'पूरी क्रांति के पीछे का दिमाग' बताया था. 

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बांग्लादेश में आलम को बड़े पैमाने पर NCP का "गुरु" माना जाता है. 

NCP के नेता महफूज आलम को जुलाई क्रांति का 'गुरु' कहा जाता है.

महफूज आलम उनका यह पोस्ट NCP संयोजक नाहिद इस्लाम के उस ऐलान के कुछ घंटे बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव से पहले व्यापक राजनीतिक एकता के लिए उन्होंने जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गए हैं.

हालांकि लगातार इस्तीफों के बाद नाहिद इस्लाम ने कहा कि इस कदम का मतलब जमात के साथ कोई वैचारिक तालमेल नहीं है. 

रविवार रात NCP ऑफिस में एक अर्जेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाहिद ने कहा, "मौजूदा राजनीतिक हालात में NCP के लिए अकेले चुनाव लड़ना मुमकिन नहीं है. इसीलिए हमने आठ हमख्याल पार्टियों के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है."

NCP संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि, "यह कोई वैचारिक गठबंधन नहीं है; यह एक चुनावी समझौता है. NCP अपने लक्ष्यों और सिद्धांतों का पालन करती रहेगी. अभी हमारा ध्यान चुनावी सहयोग पर है."

एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि जमात के साथ NCP का गठबंधन पार्टी की एग्जीक्यूटिव बॉडी में बहुमत से तय हुआ है. उसने जमात के साथ चुनावी समझौते को लेकर NCP में किसी भी फूट से इनकार किया है. नाहिद इस्लाम का दावा है कि सेंट्रल कमेटी, ग्रासरूट्स और सहयोगी संगठन गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं. नाहिद इस्लाम का कहना है कि असहमति जताने वाली आवाज़ों को आपत्ति करने या वीटो करने का अधिकार है.

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वहीं इस अलायंस का विरोध करने वाले NCP के नेताओं का तर्क है कि जमात का राजनीतिक इतिहास विवादित रहा है. NCP के इन नेताओं ने बांग्लादेश की आज़ादी के खिलाफ जमात की भूमिका और 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान नरसंहार और अपराधों में कथित मिलीभगत का ज़िक्र किया गया है, और इसे बांग्लादेश की लोकतांत्रिक भावना और NCP के मूल मूल्यों के साथ पूरी तरह से असंगत बताया है. 
 

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