ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट एक मामले की 'पैरवी' करने पर आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं. एबॉट ने भारत की खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अडानी की मध्य क्वींसलैंड में 16.5 अरब डॉलर की कोयला खान परियोजना का पक्ष लिया था.
एक संघीय अदालत ने इस परियोजना की मंजूरी रद्द कर दी थी. न्यू साउथ वेल्स बार एसोसिएशन की अध्यक्ष जेन नीधम ने टोनी एबॉट के बयान पर चिंता जताते हुए कहा कि यह बयान हमारे लोकतंत्र में अदालतों की निष्पक्ष भूमिका के प्रति समझ की कमी को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि अदालतें कानून के अनुसार फैसला करती हैं और वे किसी व्यक्ति संगठन या फिर सरकार का हित नहीं देखतीं.
इनपुट: भाषा