तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा सिर्फ खाड़ी देशों के लिए मुसीबत नहीं है बल्कि भारत भी अब चिंता में आ गया है. कश्मीर की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार हो रहा है और अफगानिस्तान पर फिर एक नई रणनीति बनाने पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन इस बीच भारत की चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है. बुधवार को एक हथियारों से भरा एक ट्रक पाकिस्तान आते हुए देखा गया है.
तालिबान ने पाकिस्तान भेजे हथियार
कहा जा रहा है कि इस ट्रक में पाकिस्तान द्वारा तालिबान की मदद के लिए भेजे गए हथियार ही मौजूद थे. असल में तालिबान की मदद करने के लिए पाकिस्तान की ISI ने बड़ी संख्या में तालिबान को हथियार दिए थे. उन हथियारों की मदद से ही अफगान सेना को तालिबान ने कम समय में ही खदेड़ दिया था. अब जब वो मिशन पूरा हो चुका है, ऐसे में तालिबान उन्हीं हथियारों को पाकिस्तान को वापस दे रहा है.
जैश-लश्कर के 8000 से भी ज्यादा आतंकियो की मूवमेंट
सूत्रों के मुताबिक 16 अगस्त के बाद से सैकड़ों की संख्या में हथियारों से भरे ट्रकों को अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा पर देखा गया है. उन तमाम ट्रकों को पाकिस्तान में एंट्री भी लेते हुए देखा गया है. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने पहले भी इस बात की आशंका जताई थी कि तालिबान को पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI मदद कर रही है और अफगानी सुरक्षा बलों पर उन्हें हमले के लिए तैयार किया जा रहा है. यही नहीं, पाकिस्तान से जैश और लश्कर के 8000 से भी ज्यादा आतंकियों की मूवमेंट अफगानिस्तान की तरफ जाते देखी गई थी, जो तालिबान के साथ मिलकर अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे थे.
अब डर इस बात है कि कहीं ISI इन हथियारों का इस्तेमाल कश्मीर में आतंक परस्त आतंकियों तक न मुहैया करा दे. ऐसा होने से घाटी में माहौल फिर अशांत हो सकता है और आतंकियों के हौसले बुलंद हो सकते हैं. पिछले कुछ सालों में जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए कुछ आतंकियों के पास से अमेरिकन मेड हथियार बरामद हो चुके हैं.
कश्मीर के लिए चिंताजनक
सुरक्षा एजेंसियों ने पहले इस बात की आशंका जाहिर की थी कि ये हथियार अफगानिस्तान से कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाये जा रहे हैं. अब ऐसे में जब हजारों की संख्या में अमेरिकन असॉल्ट राइफल, ग्रेनेड और कई सर्विलांस सिस्टम तालिबान के हाथ लग चुके हैं. ऐसे में अब इनका भारत के खिलाफ इस्तेमाल होगा, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता.