अमेरिकी सेना (US Army) अफगानिस्तान (Afghanistan) से जा चुकी है. काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) से अमेरिकी सेना के अंतिम तीन विमानों ने भी (US Army Withdrawal) सोमवार की देर रात उड़ान भरी. हालांकि, यूएस के कुछ रिटायर्ड और मौजूदा सैनिक यहां निजी तौर पर एक योजना पर काम कर रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है वो 'मिशन'...
(फोटो- गेटी)
दरअसल, ये सैनिक अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. फंसे हुए अफगान कमांडो और अन्य को बचाने के लिए रिटायर्ड और एक्टिव सैनिकों का एक गठबंधन अंडरग्राउंड होकर काम कर रहा है. इतना ही नहीं राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की सैन्य वापसी के बाद भी ये गठबंधन अपने मिशन को जारी रखने की योजना बना रहा है.
(फोटो- गेटी)
रिटायर्ड सेना लेफ्टिनेंट कर्नल स्कॉट मान ने DailyMail को बताया, "अब हम इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि हम उन्हें (अफगानिस्तान में फंसे लोगों) हवाई क्षेत्र के अलावा अपरंपरागत रूप से बाहर कैसे ले जा सकते हैं? यह थोड़ा कठिन है लेकिन हम अभी भी इसे करने जा रहे हैं."
(फोटो- स्कॉट मान)
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हम कहीं नहीं जा रहे हैं. हम यहां तब तक बने रहेंगे जब तक नई सरकार जिम्मेदारी नहीं ले लेती. जब हमें विश्वास हो जाएगा कि वे जिम्मेदारी निभा रहे हैं, तब हम चले जाएंगे.'
(फ़ाइल फोटो- एपी)
रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के बाहर बड़े पैमाने पर पूर्व सैनिकों और स्वयंसेवकों का एक नेटवर्क सुरक्षा के लिए और लोगों की सहायता के लिए एक एन्क्रिप्टेड चैट का उपयोग करता है.
(फोटो- स्कॉट मान)
स्कॉट मान और दो साथी ग्रीन बेरेट्स, टास्क फोर्स पाइनएप्पल (Task Force Pineapple) का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'कुछ ही दिनों के भीतर 700 से 750 लोगों को बचाया गया है. जिनमें कई अफगान कमांडो थे, उनके परिवार, छोटे बच्चे, कई महिलाएं थीं. कई महिलाएं गर्भवती भी थीं. हमने उन्हें सीवेज नहरों से और चौकियों के माध्यम से निकालने में मदद की.' (फोटो- एपी)
उन्होंने कहा कि इस तरह के ऑपरेशनों से अफगानों और पश्चिमी लोगों की मदद से कई हजार लोगों को बचाया गया, जो गैर-रक्षा पदों पर हैं. मान और पूर्व सैनिक जो मिशन में शामिल हुए थे, वे 'चरवाहों' के रूप में अफगानिस्तान के बाहर से दूर से काम कर रहे थे. वो धीरे-धीरे खुफिया जानकारियां जुटाते और अमेरिकी व नाटो सेना की मदद करते. ये काम तालिबान की सत्ता आने से पहले जारी था.
(फोटो- कैप्टन जैक लोइस)