पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में जनता उन्नयन पार्टी (JUP) के प्रमुख हुमायूं कबीर के बेटे गुलाम नबी आजाद उर्फ रॉबिन की गिरफ्तारी से राजनीतिक माहौल गरमा गया है. गुलाम नबी आजाद को अपने सुरक्षा गार्ड की कथित पिटाई के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह मामला सामने आते ही जिले की राजनीति में हलचल मच गई है.
गुलाम नबी आजाद बेलडांगा-2 पंचायत समिति के कार्यकारी निदेशक हैं. उन पर निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर के निजी अंगरक्षक के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने पीड़ित सुरक्षा गार्ड की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है.
पुलिस कांस्टेबल ने दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित पुलिस कांस्टेबल ने शक्तिपुर पुलिस स्टेशन में गुलाम नबी आजाद के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनके साथ मारपीट की गई. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और बाद में गुलाम नबी आजाद को हिरासत में लिया.
मामले को लेकर हुमायूं कबीर ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है. उन्होंने कहा कि उनके और जुम्मा खान के बीच उस समय तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद यह पूरा मामला सामने आया. हुमायूं का आरोप है कि उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है.
हुमायूं कबीर का आरोप और चेतावनी
हुमायूं कबीर ने कहा, मेरे खिलाफ यह कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है. उन्होंने मुर्शिदाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक से अपील की कि वे निष्पक्ष तरीके से काम करें. हुमायूं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई, तो वे अगले गुरुवार से पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव करेंगे और बरहमपुर शहर को ठप कर देंगे.
उन्होंने यह भी कहा, मेरी सहनशीलता की परीक्षा मत लीजिए. उनके बयान के बाद इलाके में तनाव का माहौल देखा गया.
घर से थाने तक हंगामा
घटना के बाद हुमायूं कबीर बहरामपुर स्थित अपने घर से निकलकर शक्तिपुर पुलिस स्टेशन पहुंचे. पुलिस स्टेशन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित अंगरक्षक बिना अनुमति उनके घर में घुसा और उन पर हमला किया.
हुमायूं कबीर के अनुसार, जब उनके बेटे गुलाम नबी आजाद ने यह देखा, तो उसने अंगरक्षक को धक्का देकर घर से बाहर निकाल दिया. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने पहले भी कई बार बरहामपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों से उस बॉडीगार्ड को बदलने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
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