
उत्तर प्रदेश के नए कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण ने चार्ज लेने के बाद अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं. डीजीपी ने अपनी पहली प्रेस वार्ता में कहा कि अपराध/अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी. हम अपराध और अपराधियों के खिलाफ एक अडिग रुख बनाए रखेंगे, संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे. यह नीति हमारी कानून प्रवर्तन रणनीति की आधारशिला होगी, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है.
महिलाओं का सशक्तिकरण और संरक्षण
उन्होंने कहा कि सभी रूपों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और समाधान पर विशेष जोर दिया जाएगा. हमारी पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा और संरक्षा की भावना को बढ़ाने की दिशा में होगी.
जन शिकायत निवारण जन शिकायतों का सफल समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता होगी
डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि जल्द सीएम के IGRs के पोर्टल से समन्वय को लेकर एसओपी बनाई जाएगी. हम हर स्तर पर सभी शिकायतों से निपटने में बहुत सहानुभूति पूर्ण और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएंगे. यह सुनिश्चित करते हुए कि नागरिकों की आवाज़ सुनी जाए और उसका तुरंत समाधान किया जाए.
कानून और व्यवस्था बनाए रखना
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति बिल्कुल भी सहनशीलता नहीं बरती जाएगी. हम हर कीमत पर कानून के शासन को बनाए रखेंगे, राज्य के हर हिस्से में शांति व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.
साइबर अपराध का मुकाबला करना
डीजीपी ने कहा कि हाल के वर्षों में विशेषकर कोविड के बाद से साइबर अपराध नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरे के रूप में उभरा है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसकी रोखथाम और पता लगाने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करके जवाब दिया है. साइबर खतरों से आगे रहने के लिए उन्नत तकनीकों का लाभ उठाते हुए इसे समय के साथ और मजबूत किया जाएगा.

बेहतर पुलिस सेवाएं
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दी जाने वाली पुलिस सेवाओं के दायरे और वितरण में और सुधार किया जाएगा. हम सुनिक्षित करें कि हमारी सेवाएं नागरिकों की जरूरतों के हिसाब से सुलभकुशल और उत्तरदायी हो.
पुलिस कल्याण पर ध्यान
दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल के रूप में, हमारे कर्मियों के काम को प्रभावित करने वाले प्रशासनिक और कल्याणकारी मुद्दों पर विशेष जोर दिया जाएगा. हम पुलिस कल्याण को प्राथमिकता देंगे, यह सुनिश्वित करते हुए कि हमारे कर्मी अपने कार्यों को सम्पादित करने में मोटिवेटेड रहें.
प्रतिभा और विशेषज्ञता का उपयोग
पुलिसिंग के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कई प्रतिभाशाली पुलिस अधिकारी व कर्मी हैं. उनके कौशल और ज्ञान की पहचान की जाएगी और उपरोक्त सभी लक्ष्यों को बेहतर बनाने के लिए उनका उपयोग किया जाएगा, जिससे बल के भीतर उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा.
प्रौद्योगिकी और एआई का लाभ उठाना
हमारे संचालन की दक्षता (eficiency) और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का व्यापक उपयोग किया जाएगा. AI हमारे उद्देश्यों को लागू करने में एक गेम चेंजर साबित होगा, जिससे हम डेटा संचालित उचित निर्णय लेने और अपने संसाधनों का optimized उपयोग करने में सक्षम होंगे.
प्रशिक्षण
निरंतर प्रशिक्षण ही एकमात्र आधार है, जिस पर किसी भी संगठन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है. दिन प्रतिदिन की चुनौतियों का सामना करने में, इस महत्वपूर्ण पहलू को अक्सर इसका उचित महत्व नहीं दिया जाता है. मेरा प्रयास होगा कि सेवाकालीन प्रशिक्षण को उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र बनाया जाए ताकि नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सके.
बकौल यूपी डीजीपी- उपरोक्त 10 बिंदु उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करेंगे, और मुझे विश्वास है कि बल के सभी सदस्य इनमें से प्रत्येक को प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे.

उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व व मार्गदर्शन में कानून प्रवर्तन (law enforcement) में नए मानक स्थापित करने के लिए तैयार है. उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, रणनीतिक पहलों (strategic initiatives) और उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया जायेगा.
यूपी एटीएस के कामकाज की समीक्षा
यूपी एटीएस की जब स्थापना हुई उसे समय HUJI सक्रिय था. यूपी एटीएस ने पूरे देश में पहली बार इस संगठन का खुलासा करते हुए संगठन से जुड़े हुए लोगों को पकड़ा आतंकियों को पकड़ा. इसके बाद पहली बार पूरे देश की एजेंसियों ने इस आतंकी गैंग के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की, और इतने आतंकी गैंग का जड़ से सफाया किया.
समय के साथ-साथ चुनौती बदलती हैं, टेक्नोलॉजी बदलता है हमें भी समय के साथ बदलना होगा. यूपी एटीएस के कामकाज की समीक्षा कर देखा जाएगा क्या बेहतर किया जाए.
वहीं, पुलिस के साथ मीडिया के अच्छे संबंध रखना उसका कर्तव्य है. यदि कोई भी अधिकारी ऐसा नहीं करते हुए अपने कार्यशाली को आगे बढ़ता है तो उसे अधिकारी को सुझाव दिया जाएगा, आगे कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी के साथ समन्वय बेहद जरूरी है. साथ ही साथ ट्रैफिक हमेशा पुलिस की प्राथमिकता रही है.