scorecardresearch
 

UP के सिर्फ 19 जिलों में बजेगा जंग वाला सायरन, DGP ने बताई क्या है तैयारी

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद हम अलर्ट मोड पर हैं. मॉक ड्रिल यूपी के 19 जिलों में होगा. इन जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. A कैटेगरी में 1 जिला, B में 16 और C कैटेगरी में 2 जिलों को शामिल किया गया है.  

Advertisement
X
UP DGP Prashant Kumar (file photo)
UP DGP Prashant Kumar (file photo)

भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार की तैयारियां तेज हो गई हैं. भारत सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) ने 7 मई को देशभर में एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है. इसमें वॉर सायरन अलर्ट भी बजाया जाएगा.  उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य के 19 जिलों को इस अभ्यास में शामिल किया गया है. इन जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. 

किस श्रेणी में कितने जिले

A श्रेणी: 1 जिला

B श्रेणी: 16 जिले

C श्रेणी: 2 जिले

इस वर्गीकरण का आधार जिलों की संवेदनशीलता और संभावित जोखिमों पर आधारित है. DGP प्रशांत कुमार ने कहा, क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने आदेश दिया है कि यह मॉक ड्रिल सिविल प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवाएं और आपदा प्रतिक्रिया बल (DRF) के सहयोग से आयोजित की जाएगी, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.

यहां देंगे विशेष ध्यान

एयर रेड वार्निंग सायरन बजा कर यह चेक किया जाएगा कि आपातकालीन चेतावनी प्रणाली सही तरीके से काम कर रही है या नहीं. इसके अलावा लोग इसके लिए कितना तैयार हैं यह भी देखा जाएगा. मॉर्क ड्रिल के दौरान आपातकालीन स्थितियों में आत्म-सुरक्षा और प्रतिक्रिया के लिए नागरिकों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा. शत्रु निगरानी से बचाव के लिए आवश्यकतानुसार ब्लैकआउट की प्रक्रिया का भी अभ्यास किया जाएगा. किसी भी स्थिति में सुरक्षित जगह पर जाने की भी प्रैक्टिस होगी. चुने गए जिले में मॉक ड्रिल का समय और स्थान स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित किया जाएगा. इस अभ्यास में सिविल डिफेंस, पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, आपदा प्रतिक्रिया बल, होम गार्ड्स, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), और स्कूल-कॉलेज के छात्र भाग लेंगे.

Advertisement


क्यों किया जाता है ब्लैक आउट 

ब्लैकआउट का उद्देश्यब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य दुश्मन के हवाई हमलों को मुश्किल बनाना था. रात के समय शहरों की रोशनी दुश्मन के पायलटों के लिए निशाना ढूंढने में सहायक होती थी. उदाहरण के लिए, 1940 के लंदन ब्लिट्ज के दौरान, जर्मन लूफ्टवाफे ने ब्रिटिश शहरों पर रात में बमबारी की. रोशनी को कम करके नेविगेशन और टारगेटिंग को जटिल किया गया. तटीय क्षेत्रों में ब्लैकआउट जहाजों को दुश्मन की पनडुब्बियों से बचाने में मदद करता था, जो तट की रोशनी के खिलाफ जहाजों की सिल्हूट देखकर हमला करते थे.

कड़े एक्शन शुरू 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 22 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ कड़े एक्शन लेने शुरू कर दिए है. मंगलवार को गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक में इस बात की समीक्षा हुई की लोगों को कैसे मॉक ड्रिल के लिए ट्रेनिंग देना है. गृह मंत्रालय के निर्देश पर 7 मई को देश भर के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित होगी, 1971 के बाद यह पहली ऐसी ड्रिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 7 दिनों में तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात कर तैयारियों और संभावित एक्शन प्लान पर चर्चा की है. पहलगाम हमले पर प्रधानमंत्री ने कहा है कि साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी.

---- समाप्त ----
Live TV

TOPICS:
Advertisement
Advertisement