उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दो महिलाओं ने असाधारण साहस का परिचय दिया है. दोनों ने अलग-अलग घटनाओं में मगरमच्छों से लड़कर न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डाली, बल्कि अपने बच्चे और पति को भी बचाया. इन घटनाओं में एक मां ने अपने 5 साल के बेटे को तो दूसरी पत्नी ने अपने पति को मगरमच्छ के जबड़े से छुड़ाया. उनकी बहादुरी की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.
मां ने बेटे को मगरमच्छ से बचाया
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह घटना रविवार को खैरीघाट के ढकिया गांव में हुई. एक मगरमच्छ ने घाघरा नदी के पास से गुजर रहे पांच साल के बच्चे वीरू को पकड़ लिया. बच्चे की चीख सुनकर उसकी मां माया मौके पर पहुंची और बिना अपनी जान की परवाह किए मगरमच्छ पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया. मां ने बताया कि उन्होंने मगरमच्छ के जबड़े पर तब तक वार किया जब तक उसने बच्चे को छोड़ नहीं दिया. बच्चे को चोटें आई हैं, लेकिन अब उसकी हालत स्थिर है.
पत्नी ने साड़ी फेंककर बचाई पति की जान
दूसरी घटना मोतीपुर के माधवपुर गांव में हुई. सैफू अपनी पत्नी सुरजना के साथ रमतलिया नहर पार कर रहे थे, तभी एक मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया और उनके पैर को पकड़ लिया. सैफू के चिल्लाने पर सुरजना ने अपनी साड़ी पानी में फेंक दी, जिसे पकड़कर सैफू ने खुद को संभाला. इसी बीच, ग्रामीण लाठी लेकर दौड़ पड़े और मगरमच्छ को तब तक पीटते रहे, जब तक उसने सैफू को छोड़ नहीं दिया.
बाढ़ से आबादी वाले इलाकों में मगरमच्छों की आवाजाही बढ़ी
वन अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण नदियों और नहरों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे मगरमच्छ आबादी वाले इलाकों के करीब आ गए हैं. मगरमच्छों को पकड़ने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं. अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे नदियों और नहरों के पास जाने से बचें. दोनों घटनाओं में घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.