संभल के असमोली थाना क्षेत्र के सदीरनपुर गांव में एक प्राचीन कुआं मिला है. प्रशासन ने इस ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवित किया है. दरअसल, यहां मुस्लिम आबादी के बीच स्थित इस कुएं को वर्षों पहले बंद कर दिया गया था. प्रशासन की पहल पर उस कुएं का दोबारा जीर्णोद्धार हुआ है. इस कुएं के ऊपर वर्षों से कूड़ा-कचरा और मिट्टी डालकर उसका अस्तित्व लगभग समाप्त कर दिया गया था. लेकिन अब बुलडोजर से खुदाई करवाकर प्रशासन ने न केवल कुएं को खोज निकाला, बल्कि ग्रामीणों को भी चेतावनी दी है कि भविष्य में दोबारा कुएं पर अतिक्रमण या गंदगी डालने की कोशिश न की जाए.
संभल प्रशासन इन दिनों जिले के विभिन्न हिस्सों में प्राचीन धरोहरों, तीर्थों और कूपों की तलाश और पुनर्जीवन का अभियान चला रहा है. यह अभियान विशेष रूप से 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा और 14 दिसंबर को खग्गू सराय इलाके में स्थित प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुलने के बाद तेज हुआ है. उसी क्रम में गुरुवार शाम को सदीरनपुर गांव में एक पुराने कुएं के दबे होने की सूचना एसडीएम विकास चंद्र को मिली.

सूचना मिलते ही एसडीएम ने नायब तहसीलदार, राजस्व विभाग की टीम और पुलिस बल को मौके पर भेजा. जांच के दौरान पाया गया कि कुएं पर अतिक्रमण कर उसे पूरी तरह से ढक दिया गया था. इसके बाद प्रशासन ने मौके पर बुलडोजर मंगवाकर न केवल अतिक्रमण हटवाया, बल्कि कुएं की खुदाई भी शुरू करवाई. फिलहाल कुएं को लगभग 6 फीट गहराई तक खोदा जा चुका है और आगे इसे संरक्षित करने को लेकर काम चल रहा है. स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, यह कुआं सैकड़ों वर्ष पुराना है.
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एसडीएम विकास चंद्र ने कहा कि सदीरनपुर गांव में वर्षों पुराना कुआं मौजूद था, जिसे ग्रामीणों ने गंदगी डालकर बंद कर दिया था. इस कुएं पर अतिक्रमण कर इसके अस्तित्व को समाप्त कर दिया गया था. प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटवाया और कुएं की खुदाई करवाई. अब इसे पुनर्जीवित किया जा रहा है.

कुएं की खुदाई और अस्तित्व सामने आने के बाद ग्रामीणों में उत्साह देखा गया. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि यह कुआं दोबारा जीवित हो पाएगा. एक ग्रामीण ने कहा कि हमने कई बार अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन अब जाकर प्रशासन ने हमारी बात सुनी और आज गांव को उसकी धरोहर वापस मिल गई.
प्रशासन ने कुएं की खुदाई के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल की तैनाती भी की. अधिकारियों ने ग्रामीणों को स्पष्ट चेतावनी दी कि आगे से कुएं पर किसी तरह का अतिक्रमण या गंदगी डालने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
एसडीएम विकास चंद्र ने कहा कि संभल तहसील के विभिन्न गांवों में कई ऐसे कुएं और धार्मिक स्थल हैं, जिन पर समय के साथ अतिक्रमण हो गया है या जिन्हें उपेक्षा के चलते भुला दिया गया है. प्रशासन की टीम ने इनकी पहचान शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में ऐसे सभी स्थलों को कब्जा मुक्त कर पुनर्जीवित किया जाएगा. फिलहाल कुएं के कब्जा मुक्त होते ही ग्रामीणों के द्वारा कुएं पर केले के पेड़ लगा दिए गए हैं. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि अब कुएं पर दोबारा पूजा पाठ शुरू होगा और इससे पहले भी यहां पर पूजा पाठ होते थे.