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जनरल बोगी, सीट पर लाश... 600KM तक उतारने के लिए गुहार लगाते रहे रेल यात्री, नहीं मिली मदद

चेन्नई से चलकर हजरत निजामुद्दीन जा रही तमिलनाडु संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में यात्रियों ने लाश के साथ सफर किया. वो भी नागपुर से झांसी तक. करीब 600 किमी के लंबे सफर में लाश को देख यात्री दहशत में रहे. यात्रियों ने कई बार रेलवे अफसरों से लाश उतारने की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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ट्रेन में लाश के साथ सफर करने पर मजबूर हुए यात्री
ट्रेन में लाश के साथ सफर करने पर मजबूर हुए यात्री

तमिलनाडु संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एक जनरल कोच में यात्रियों को लाश के साथ सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा. 600 किलोमीटर लंबे सफर में यात्री डरे-सहमे बैठे रहे. रास्ते में उन्होंने रेलवे के अफसरों से लाश उतारने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. 

चेन्नई से चलकर हजरत निजामुद्दीन जाने वाली ट्रेन जब कल (6 नवंबर) झांसी स्टेशन पहुंची तब कहीं जाकर लाश को जीआरपी ने कोच से नीचे उतारा. फिर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. इसको लेकर यात्रियों में काफी रोष है. उनका कहना है कि जो काम पहले हो जाना चाहिए था उसके लिए 10 घंटे से ज्यादा का समय लगा दिया गया.  

जनरल कोच में सवार होकर अपने घर आ रहा था शख्स

मृतक का नाम रामजीत यादव है. वह बांदा जिले के कमसिन थाना क्षेत्र का रहने वाला था. उसकी उम्र करीब 36 साल थी. रामजीत चेन्नई में टाइल्स लगाने का काम करता था. बीमार होने के कारण वह अपने रिश्तेदार गोवर्धन के साथ Tamil Nadu Sampark Kranti Express के जनरल कोच में सवार होकर घर आ रहा था. 

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अचानक तबीयत खराब हो गई

गोवर्धन के अनुसार, रविवार की रात ट्रेन जब नागपुर पहुंची तभी रामजीत की अचानक तबीयत खराब हो गई. इससे पहले वह कुछ करता रामजीत की मौत हो गई. इसकी जानकारी उसे तब हुई जब उसने रामजीत की दिल की धड़कन चेक की. तत्काल रेलवे हेल्पलाइन नंबर (139) पर फोन लगाया लेकिन फोन नहीं लगा. 

लाश को उठाकर एक सीट पर रख दिया

इसके बाद उसने यात्रियों से मिन्नत की, जिसपर कुछ लोगों ने उसकी मदद की और लाश को उठाकर एक सीट पर रख दिया. इस दौरान पूरी रात कोच में सफर करने वाले यात्री परेशान और डरे सहमे रहे. सुबह जब ट्रेन भोपाल पहुंची तो यात्रियों ने इसकी सूचना रेलवे स्टाफ को दी. लेकिन वहां भी किसी ने नहीं सुनी. जिसको लेकर हंगामा हुआ. 

झांसी में शव उतारा गया

आरोप है कि यात्री लगातार रेलवे प्रशासन से लाश को उतारने के लिए शिकायत करते रहे मगर सुनवाई नहीं हुई. ट्रेन जब झांसी पहुंची तब कहीं जाकर शव को जीआरपी की मदद से नीचे उतारा गया. इसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. 

मृतक के साथ सफर कर रहे गोवर्धन का कहना है कि रामजीत की तबीयत शुरू से खराब थी. इटारसी के पास ज्यादा खराब हो गई. बाद में बीच रास्ते ही मौत हो गई. वहां नहीं उतरना था इसलिए नहीं उतरे. हालांकि, कई बार रेलवे के नंबर पर फोन लगाया लेकिन कोई मदद नहीं मिली. झांसी में आने के बाद शव को उतारा गया. 

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रेलवे के अधिकारी ने क्या कहा?

मामले में रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी (झांसी) मनोज कुमार ने कहा कि जानकारी होने पर शव को झांसी रेलवे स्टेशन पर उतारा गया है. इसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का समय और कारण स्पष्ट होगा. कल हुई यह घटना ट्रेन नंबर 12651 की है. डायल 139 पर मदद मांगी गई थी. झांसी मंडल में जब ट्रेन आई तो डॉक्टर को बुलाया गया और परीक्षण कराया गया. परीक्षण के बाद शव को उतार लिया गया. 

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