scorecardresearch
 

500 करोड़ का खर्च, तीन एंट्री गेट, 5 एकड़ में नया गलियारा... बांके बिहारी कॉरिडोर पर हंगामा, ये हैं चार मुख्य वजह

यूपी में कई जगह धार्मिक जगहों का कायाकल्प हो गया. कहीं कॉरिडोर बना तो कहीं नए, भव्य और विशाल भवन. लेकिन मथुरा में विकास के बीच में बाधा क्यों आ रही है और आखिर क्यों गोस्वामी समाज बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का विरोध कर रहा है? इसका जवाब है वो चार वजह जिन्हें गोस्वामी समाज गिना रहा है.

Advertisement
X
बांके बिहारी कॉरिडोर का गोस्वामी समाज विरोध कर रहा है
बांके बिहारी कॉरिडोर का गोस्वामी समाज विरोध कर रहा है

वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के कॉरिडोर निर्माण पर घमासान मचा हुआ है. मंदिर में पूजा पाठ कराने वाला गोस्वामी समाज इसके विरोध में है. यूपी सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्टर को पूरा करने के लिए हर हथकंडा अपना रही है. अब सवाल उठता है कि आखिर ये विरोध क्यों हो रहा है? क्यों कॉरिडोर निर्माण के फैसले पर संग्राम छिड़ा है. 

Advertisement

यूपी में कई जगह धार्मिक जगहों का कायाकल्प हो गया. कहीं कॉरिडोर बना तो कहीं नए, भव्य और विशाल भवन. लेकिन मथुरा में विकास के बीच में बाधा क्यों आ रही है और आखिर क्यों गोस्वामी समाज बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का विरोध कर रहा है? इसका जवाब है वो चार वजह जिन्हें गोस्वामी समाज गिना रहा है. उसका मानना है कि कॉरिडोर के बनने से कुंज की गलियां बर्बाद हो जाएंगी, वृंदावन की संस्कृति खत्म हो जाएगी, दुकानों के हटने से इनकम पर असर पड़ेगा और निमार्ण काम के दौरान टेंडर में मनमानी होगी.

तीन हिस्से में बनेगा कॉरिडोर

दरअसल, योगी सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत कॉरिडोर बनाने जा रही है. करीब 5 एकड़ में बनेगा. जिसके निर्माण में करीब 3 साल का समय लगेगा. जिसके तहत मंदिर के रास्ते को चौड़ा किया जाएगा. मंदिर में एंट्री के लिए 3 गेट बनेंगे. करीब 30 हजार वर्गमीटर में पार्किंग बनेगी. तीन हिस्से में बनने वाले कॉरिडोर में पहला हिस्सा मंदिर क्षेत्र और परिक्रमा का होगा. दूसरा हिस्सा 10 हजार 600 वर्ग मीटर में होगा. जो ऊपरी हिस्सा होगा. तीसरा हिस्सा 11 हजार 300 वर्गमीटर का होगा. जो नीचला हिस्सा होगा.

Advertisement

इसी ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए यूपी सरकार के अधिकारी लगातार कैंप किए हैं. सीएम के दूत बनकर मुख्य सलाहकर अवनीश अवस्थी वृंदावन पहुंचे और नाराज लोगों से मुलाकात की. हालांकि कॉरिडोर का विरोध करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका भी लग चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कॉरिडोर को बनाने के लिए मंजूरी दे दी है.

मंदिर फंड इस्तेमाल से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की इजाजत दे दी है, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. ये पैसे बांके बिहारी जी के खजाने से खर्च होंगे. हालांकि कोर्ट ने शर्त ये भी लगाई कि जो जमीन अधिग्रहण होगा वो बांके बिहारी के नाम से रजिस्टर्ड होगा.

लेकिन कुछ ही दिन बाद कॉरिडोर के निर्माण और इसमें मंदिर फंड के इस्तेमाल के आदेश से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट मंदिर सेवायत की याचिका पर विचार करने को तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मंदिर कॉरीडोर को लेकर 26 मई के अध्यादेश की कॉपी और परियोजना की रूपरेखा का हलफनामा मांगा. अब सुप्रीम कोर्ट 29 जुलाई को सुनवाई करेगा.

अब मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में है. लेकिन यूपी सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है. सरकार चाहती है कि किसी तरह से गोस्वामी समाज के लोगों को समझा बुझाकर कॉरिडोर के काम को शुरु किया जाए ताकि आने वाले दिनों में यहां आने वाले लाखों भक्तों को किसी तरह की दिक्कत ना हो.

Advertisement

सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट से नाराज गोस्वामी समाज

कॉरिडोर निर्माण के विरोध में गोस्वामी समाज का लगातार प्रदर्शन जारी है. वो किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं. वहीं अब इस मुद्दे पर सियासत भी शुरु हो गई है. कांग्रेस जहां कॉरिडोर के खिलाफ है वहीं बीजेपी इसके फायदे गिनवा रही है.

उधर, लेकिन सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर मंदिर में पूजा-पाठ करने वाला गोस्वामी समाज ने सख्त चेतवानी दे डाली. कह दिया कि बांके बिहारी मंदिर में ना ही न्यास की आवश्यकता है, ना ही कॉरिडोर की और अगर सरकार हमारी बातों को नहीं मानती तो हम ठाकुर बांके बिहारी को यहां से लेकर पलायन कर जाएंगे.

दरअसल, मंदिर में कॉरिडोर बनाने की बात तब आई जब 19 अगस्त 2022 को मंगला आरती के दौरान दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और करीब आठ लोग घायल हुए थे. उसके बाद मंदिर को बड़ा करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. फिर सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर कॉरिडोर बनाने का फैसला सुनाया. लेकिन गोस्वामी समाज के लगातार विरोध प्रदर्शन के चलते मामले पर तनातनी जारी है. काग्रेस नेता भी गोस्वामी समाज के समर्थन में आए गए हैं और लगे हाथ वो भी कॉरिडोर का विरोध करने लगे हैं

Advertisement

कॉरिडोर की जरूरत क्यों पड़ी?

हालांकि मथुरा से सांसद हेमा मालिनी लगातार कॉरिडोर के पक्ष में कैंप कर रही हैं. हेमा मालिनी ने लोगों को समझाने की कोशिश की और इसके फायदे को गिनाया. अब मामले पर सियासत भी होने लगी है, कांग्रेस नेता विरोध में हैं तो बीजेपी फायदे गिना रही है लेकिन कॉरिडोर की जरूरत क्यों हैं उसे भी समझना जरुरी है.

बांक बिहारी मंदिर में हर रोज हजारों भक्त पहुंचते हैं. त्योहार के दिनों में इनकी संख्या लाखों तक पहुंच जाती है. अभी मंदिर तक पहुंचने का रास्ता छोटा है. लिहाजा भीड़ बढ़ने पर व्यवस्था बिगड़ जाती है. ऐसे में कॉरिडोर बनने से लोगों को ज्यादा जगह मिलेगी और भक्त आसानी से दर्शन कर सकेंगे. बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर पर गोस्वामी समाज झुकने को तैयार नहीं है. ऐसे में देखना है कि योगी सरकार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट कैसे पूरा होता है. कैसे विरोध के बीच कॉरिडोर का निर्माण होता है.

Live TV

Advertisement
Advertisement